✨ प्रखर 02 कार्यक्रम
राजस्थान शिक्षा विभाग द्वारा 5 सितम्बर से प्रारम्भ किया गया प्रखर 02 कार्यक्रम विद्यार्थियों के पठन कौशल (Reading Skills) और मौखिक दक्षता (Oral Proficiency) को विकसित करने के उद्देश्य से चलाया जा रहा है। यह 90 दिनों की एक विशेष शैक्षणिक पहल है, जो राज्य के सभी विद्यालयों में कक्षा 1 से 8 तक के बच्चों के लिए लागू की गई है।
📚 विद्यार्थियों का वर्गीकरण
इस कार्यक्रम में विद्यार्थियों को उनकी पठन क्षमता के आधार पर चार श्रेणियों (C1 से C4) में बाँटा गया है—
1. बीज (C1):
वे विद्यार्थी जो अब तक वर्णों की पहचान भी नहीं कर पाते।
2. अंकुरण (C2):
वे बच्चे जो अक्षरों को पहचान लेते हैं, लेकिन मात्राओं का ज्ञान नहीं रखते।
3. प्लवन (C3):
वे विद्यार्थी जो अटक–अटक कर पढ़ते हैं, यानी उनकी पठन प्रवाहशीलता कमज़ोर है।4. फलन (C4):
वे बच्चे जो धारा प्रवाह (फ्लुएंट) पढ़ते हैं। इन विद्यार्थियों को “बाल-शिक्षक” की भूमिका में रखा गया है, ताकि वे शेष बच्चों को सिखाने में अध्यापकों की मदद कर सकें।
🕘 विशेष समय-सारणी
प्रतिदिन सुबह के दो पीरियड केवल इस कार्यक्रम हेतु समर्पित रहेंगे।
इन कक्षाओं में बच्चों को गतिविधि-आधारित शिक्षा (Activity Based Learning) और ABL किट के माध्यम से सिखाया जाएगा।
शिक्षण कार्य को आकर्षक बनाने के लिए खेल-खेल में सीखने वाली गतिविधियाँ और साप्ताहिक रूप से निर्धारित टास्क आयोजित किए जाएँगे।
🎯 उद्देश्य
प्रत्येक बच्चे को उसकी पठन क्षमता के अनुसार व्यक्तिगत ध्यान देना।
धीमे/कमज़ोर पठन वाले बच्चों को धीरे-धीरे अगले स्तर तक पहुँचाना।
मजबूत पठन क्षमता वाले बच्चों को सहायक की भूमिका में प्रयोग कर सहपाठी अधिगम (Peer Learning) को प्रोत्साहित करना।
90 दिनों के अंत तक सभी बच्चों को आत्मविश्वासपूर्वक, स्पष्ट और सहज रूप से पढ़ने में सक्षम बनाना।
👉 यह कार्यक्रम केवल शिक्षा तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सामूहिक भागीदारी, सहयोगी अधिगम और आत्मविश्वास निर्माण की दिशा में एक ठोस कदम है।
सूचना स्रोत
शोभा जी कंवर
पाठ्य उन्नयन और विस्तार व प्रस्तुति