विक्रांत तोंगड़ को मिला ‘जल प्रहरी’ पुरस्कार

विक्रांत तोंगड़ को मिला ‘जल प्रहरी’ पुरस्कार

भूमिका

हम इंसान अपने अपने दायित्वों को जब जब समर्पित भाव से अंजाम देते हैं तब तब वही दायित्व कार्य रूप में उत्तम कोटि के परिणाम देते हैं जिसका परिणाम सम्मान के रूप में सामने आता है और प्रेरित जनमानस स्वमेव ही उपयुक्त नामकरण भी कर देता है। एक ऐसी ही गतिविधि का विवरण पढ़िए।

कार्यक्रम विवरण

जल योद्धा विक्रांत तोंगड़ को न्यू महाराष्ट्र भवन, नई दिल्ली में आयोजित एक सम्‍मान समारोह में प्रतिष्ठित ‘जल प्रहरी’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

विक्रांत तोंगड़ 2010 से पानी और पर्यावरण संरक्षण के लिए निरंतर काम कर रहे हैं। उनके प्रयासों में लगभग दस तालाबों का पुनरुद्धार और करीब एक लाख पौधों का रोपण शामिल है। इसके अलावा, उन्होंने गांवों में जल संकट के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए लगभग सौ ‘जल पंचायतों’ का आयोजन किया है। वर्तमान में उनके निर्देशन में चल रही परियोजनाओं में वर्षा जल संचयन, ख़ंबाती कुएं का निर्माण, डि-पेवमेंट अभियान और मियावाकी वनरोपण शामिल हैं।

‘जल प्रहरी’ पुरस्कार, जिसे हर साल सरकारी टेल संस्था द्वारा प्रदान किया जाता है, से पानी के संरक्षण के लिए असाधारण कार्य करने वाले व्यक्तियों को सम्मानित किया जाता है। इस साल उत्तर प्रदेश से कुल छह नागरिकों को यह सम्मान मिला है। पुरस्कार की जूरी का नेतृत्व माननीय जस्टिस संगीता ढिंगरा सहगल ने किया, जिसमें नीति आयोग और राष्ट्रीय जल मिशन (जल शक्ति मंत्रालय) के विशेषज्ञ भी शामिल थे। जूरी ने जल संरक्षण और जनभागीदारी आधारित परियोजनाओं को प्राथमिकता देते हुए चयन प्रक्रिया पूरी की।

समारोह में जल शक्ति मंत्री सी.आर. पटेल, केंद्रीय जल राज्य मंत्री राजभूषण चौधरी, सांसद बालयोगी उमेशकांत और सांसद पीसी सारंगी सहित कई प्रतिष्ठित अतिथियों ने भाग लिया। इस कार्यक्रम में विभिन्न देशों के राजदूत भी उपस्थित थे। यह जानकारी सरकारी टेल के सीईओ अमेय साते ने दी।

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