व्यंग बाण

व्यंग बाण

व्यंग-बाण

लड़ने वाले लड़ें भले ही हम नेता हैं हमको क्या?

भारत पूरा जले भले ही हम नेता हैं हमको क्या?

जाति-धर्म के अंगारों पर अपनी रोटी सिकती है ;

देश जिए या मरे भले ही हम नेता हैं हमको क्या??

रचनाकार

dAyA shArmA (vAishnAv)

प्रस्तुति