भूमिका
समाज की कुछ डॉक्टर सूरज सिंह नेगी जी जैसी विभूतियां सामान्य सी दिखने वाली गतिविधियों को भी विशिष्ट कोटि प्रदान कर देने की क्षमता रखती हैं। यहां पर एक ऐसी ही गतिविधि का उल्लेख किया जा रहा है जिसमें उनके साथ स्वयंसेवक ऐच्छिक तरीके से जुड़ते ही चले जा रहे हैं। प्रस्तुत है एक ऐसी ही गतिविधि का विवरण।
विवरण
साहित्य मंच (टोडारायसिंह) के तत्वावधान में राज़कीय उच्च माध्यमिक विद्यालय जवाली (टोंक) में विलुप्त होती पत्र विधा को पुनर्जीवित करने हेतु स्कूली बच्चों से बाल विवाह पर आधारित पोस्टकार्ड, बेटी की पाती, माँ के नाम लिखित कार्ड एवं डा. सूरज सिंह नेगी साहब द्वारा संपादित पुस्तक, बच्चों के पत्र से शाला के विद्यार्थियों से वाचन करवाया गया। सभी ने आत्मविश्वास के साथ पत्र वाचन किया। इसके बाद शिवराज कुर्मी (संयोजक) ने अखिल भारतीय स्तर की पाती लेखन प्रतियोगिता, युवाओं के लिए पाती, विषय पर विद्यार्थियों को समझाया। पत्र किस प्रकार से लिखा जाना चाहिए यह भी बताया। डाकघर से उपलब्ध होने वाले पत्र, पोस्टकार्ड, अन्तर्देशीय पत्र, लिफाफा आदि के बारे में भी अवगत कराया गया। पत्र विधा में कोई भी व्यक्ति अपने मन के विचार लिखकर प्रेषित कर सकता है। बच्चों को यह बताया गया कि किसी के जन्मदिन पर उपहार भेंट न कर पत्र लिखकर उसके हाथ में थमाया जावे। अगले को कितना अच्छा लगेगा। वो आपके पत्र को सुरक्षित रखेगा। संस्था प्रधान ने आभार व्यक्त किया। शाला के पुस्तकालय हेतु बच्चों के पत्र, पुस्तक भेंट की गई।
सूचना स्रोत
श्री शिवराज जी कुर्मी
प्रस्तुति