हकीकत – ए – ज़िन्दगी
बिना सिजेरियन के कोई आता नहीं है,
और! बिना वेंटिलेटर के कोई जाता नहीं है।
भगवान तुझे हो क्या गया है?
तू डॉक्टरों को डाँट लगाता क्यों नहीं है?
भूख बढ़ चुकी है अधिकतर डॉक्टरों की
तू उनको घर जाकर समझता क्यों नहीं है?
खाली हाथ आए हैं और खाली हाथ ही जाना है,
बात इतनी सी उनके कानों तक पहुँचाता क्यों नहीं है?
रचयिता
माया शर्मा/स्वरचित
प्रस्तुति