हौसला

हौसला

हौसला

जिंदगी बदलने के लिए लड़ना पड़ता है,

ख़्वाबों की हकीकत के लिए जिद पर अड़ना पड़ता हैरान!

 

कोई खैरात में नहीं देता खुशियाँ मेरे दोस्तो,

खुशियाँ पाने के लिए गम के दरिया से पार गुजरना पड़ता है!

 

कई अपने भी राहों में अलविदा कह जाते हैं,

कोई गैर होकर भी साथ निभा जाते हैं!

ख़ुद पर और खुदा पर यकीन करने वाले ही,

अक्सर मंजिलें फतह कर पाते हैं!

 

मौसम कभी गम और कभी खुशियाँ थमाते ही रहेंगे,

अपने भी अपनों को राहों में ठोकरें लगाते ही रहेंगे।

जो दिल से बने है रिश्ते जमाने में,

वो हर हाल में रिश्ते निभा ही जायेंगे।।

 

मंजिलों से पहले ठोकरें हजारों होंगी,

आसानी से कब कहाँ वो पार होंगी।

गर अपनों का साथ और हौसले दिल में कायम रहे,

तो एक ना एक दिन मंजिलें अपनी ही होंगी।।

रचनाकार

माया शर्मा/स्वरचित