श्री द्रोणाचार्य पी. जी. कॉलेज, दनकौर में इस वर्ष दीपावली का उत्सव एक अनोखे और प्रेरणादायक रूप में मनाया जा रहा है। कॉलेज के कला संकाय के विभागाध्यक्ष डॉ. देवानंद सिंह सर के निर्देशन में और इतिहास विषय की प्राध्यापिका नाज़ परवीन जी के संयोजन में “ज़ीरो बजट दीपावली” का विचार प्रस्तुत करते हुए छात्रों को पर्यावरण संरक्षण और रचनात्मकता से जुड़ा संदेश देने की पहल की। इसमें कला विभाग के सभी प्राध्यापकों का सहयोग रहा। इनमें डॉ. नाज परवीन के अतिरिक्त डॉ राजीव पांडेय, डॉ. शिखा, डॉ. संगीता, डॉ. अजमत आरा, डॉ. प्रशांत कन्नौजिया, डॉ. निशा शर्मा, डॉ. कोकिल, डॉ. सूर्य प्रताप सिंह, नगमा सलमानी और प्रीति शर्मा सम्मिलित रहे।
उनकी प्रेरणा से कला संकाय के छात्र–छात्राओं ने मिलकर एक अत्यंत सुंदर, पूर्णतः ईको-फ्रेंडली रंगोली तैयार की। इस रंगोली की विशेष बात यह रही कि इसमें किसी भी प्रकार के कृत्रिम रंग, केमिकल या प्लास्टिक का उपयोग नहीं किया गया। इसके स्थान पर
ताज़े फूलों की पंखुड़ियाँ,
विभिन्न प्रकार की हरी पत्तियाँ,
प्राकृतिक घास और सूखे पत्ते
जैसी प्राकृतिक सामग्री का प्रयोग किया गया।
सबसे उल्लेखनीय तथ्य यह है कि यह रंगोली पूरी तरह “ज़ीरो बजट” में तैयार की गई। छात्रों ने आसपास के बगीचों और परिसर से केवल प्राकृतिक संसाधन एकत्रित कर अपनी कल्पनाशीलता से इसे आकार दिया। इस प्रयास ने यह सिद्ध किया कि बिना धन व्यय किए भी कला को एक उच्च स्तर की सुंदरता प्रदान की जा सकती है।
डॉ. नाज़ परवीन की इस पहल ने न केवल छात्रों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ाई, बल्कि त्योहारों को प्रकृति के साथ सामंजस्य में मनाने की प्रेरणा भी दी। इससे यह संदेश भी गया कि—
“प्रकृति का सौंदर्य रंगों से नहीं, संवेदनाओं और सादगी से निखरता है।”
यह पहल कॉलेज परिसर में सादगी, सृजनशीलता और पर्यावरणीय संवेदनशीलता का अद्भुत संगम दर्शाती है।
 
 
 
 
 
 
 
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