समाज को समझने की जरूरत

समाज को समझने की जरूरत

समाज को समझना ही होगा वर्तमान परिवेश में ऐसा प्रतीत होता है कि सभी क्षेत्र क्या विशेषज्ञ तक भी अपने असली मकसद से भटकते जा रहे हैं। हर तरफ राजनीति…
पर उपदेश कुशल बहुतेरे

पर उपदेश कुशल बहुतेरे

पर उपदेश कुशल बहुतेरे उपदेश दूसरों को देते जगह जगह ही मिल जाते हैं। उनके सुन्दर वचनों को सुन श्रोता के मुख खिल जाते हैं।   दहेज की उत्पीड़न गाथा…
बात एक और दो

बात एक और दो

भूमिका (बात एक) प्रस्तुत कविता कवि कृष्णदत्त शर्मा 'कृष्ण' की संवेदनशील दृष्टि, भाषायी चातुर्य और जीवन-दृष्टि का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। यह कविता मात्र 'बात' जैसे साधारण शब्द को आधार…

पुस्तक लोकार्पण

'केदार से कैलाश' पुस्तक का लोकार्पण हिंदी भवन, दिल्ली में साहित्य प्रेमी मंडल की स्थापना के चालीस वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर भव्य स्वर गंगा कवि सम्मेलन तथा सम्मान…
सम्मान

सम्मान

शिक्षा जगत के लिए गौरवपूर्ण रहा आज का दिन सुभारती विश्वविद्यालय, मेरठ में आयोजित एक भव्य समारोह में शहर के लगभग इकत्तीस प्रतिष्ठित विद्यालयों — सीबीएसई, आईसीएसई और यूपी बोर्ड…
ताँका छंद

ताँका छंद

ताँका छंद मानव जाति युद्ध न होने देना युद्धों का अंत युद्ध एक झटका मानवता के लिए। सीमाओं पर हैं युद्ध के बादल राष्ट्र अस्मिता स्वाभिमान की रक्षा न चाहते…
एक गांव की आत्मकथा

एक गांव की आत्मकथा

भूमिका एक गांव जब शिक्षा, स्वच्छता, संस्कृति और आत्मनिर्भरता के हर पहलू में आगे बढ़ता है, तो वह दूसरों के लिए एक आदर्श बन जाता है। कल्याणपुरा कुर्मियान ऐसा ही…
बाल गीत

बाल गीत

चौपाई छंद बाल गीत ।।मेला।। सजी दुकानें करती बातें ले लो जी सामान सुहाते। लगा हुआ है प्यारा मेला खूब प्रीत का भरा झमेला। गर्म जलेबी पास बुलाती सबके ही…
श्रमिक दिवस पर

श्रमिक दिवस पर

मजदूरों को समर्पित, समाज को प्रेरित करता एक अनूठा आयोजन – लीजर वैली पार्क में मनाया गया अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस 2 मई, 2025 – अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस के अवसर पर…
मजदूर दिवस पर तीन कवि

मजदूर दिवस पर तीन कवि

💖दोहे ( मजदूर दिवस ●●● )💖 सरदी-गरमी सहन करे, करता नहीं आराम। भरे पेट परिवार का, भोर भये तक शाम।।१।। भूखा-प्यासा कमर कसि, काम करे मगरूर। सुख-चैन कोसों खड़े, मस्त…