प्रेरणा और उत्साहवर्धन

प्रेरणा और उत्साहवर्धन

कैसे भुला सकता हूँ प्रेरणा का वह स्पर्श जिसने मुझको राह दिखा दी

जब कोई अपने मन से किसी अच्छे कार्य की शुरुआत करता है तो सबसे बड़ी जरूरत होती है—विश्वास, दिशा और साथ की। मैं आज जिस मुकाम पर खड़ा हूँ, वहाँ तक पहुँचने में मेरे साथ चलने वाले कुछ महान व्यक्तित्वों का बहुत बड़ा हाथ रहा है। उनमें सबसे विशिष्ट स्थान है श्री जगदीप जी का। उनके साथ बिताए वे क्षण, उनके दिए मार्गदर्शन और उनकी आत्मीयता मैं कैसे भूल सकता हूँ?

मैं आज भी याद करता हूँ वह समय, जब ‘उलझन सुलझन’ जैसे छोटे से प्रयास को आकार देने की कोशिश कर रहा था। न अनुभव, न संसाधन, बस एक जज़्बा था कि कुछ अच्छा करूँ। ऐसे में उन्होंने बिना किसी दिखावे के, खुले मन से मेरी बातें सुनीं। उन्होंने न केवल मेरे विचारों को सराहा बल्कि धैर्यपूर्वक समझाया कि किसी भी प्रयास को मुकाम तक पहुँचाने के लिए क्या-क्या पहलू जरूरी हैं—किस तरह योजना बनती है, किस तरह लोगों से जुड़ना चाहिए, किस तरह कठिनाइयों से न घबराकर निरंतर आगे बढ़ना चाहिए।

उन्होंने यह भी समझाया कि सेवा का कार्य तभी फल देता है, जब उसमें न स्वार्थ हो, न प्रसिद्धि की लालसा—बल्कि उसमें सच्ची नीयत, परिश्रम और निरंतरता हो। उन्होंने बताया कि किसी भी पहल का उद्देश्य तभी बड़ा बनता है जब उसमें लोगों का भरोसा जुड़ता है।

आज जब पीछे देखता हूँ तो महसूस करता हूँ कि उनका यह योगदान केवल मार्गदर्शन तक सीमित नहीं रहा। उन्होंने अपनी व्यस्तताओं के बीच समय निकालकर मुझे वह आत्मबल दिया, जिसकी मुझे सबसे ज्यादा जरूरत थी। उन्होंने हमारा हौसला बढ़ाने के लिए अपना पहला साक्षात्कार देकर यह विश्वास दिलाया कि किसी छोटे प्रयास को भी बड़ी पहचान मिल सकती है, बशर्ते उसमें ईमानदारी और प्रतिबद्धता हो।

उनकी प्रेरणा ने मुझे सिखाया कि पहल करने वाला व्यक्ति अकेला नहीं होता—यदि उसके विचार साफ हैं तो समाज के लोग भी उसके साथ खड़े होते हैं। यही नहीं, उन्होंने यह भी बताया कि असफलता से डरना नहीं चाहिए; असली परीक्षा तो तब होती है जब रास्ता कठिन लगे।

आज मैं उन सभी साथियों, मित्रों और नए पहल करने वालों से कहना चाहता हूँ—यदि आपके मन में कोई अच्छा विचार है, कोई प्रयास है जो समाज के लिए उपयोगी हो सकता है, तो उसे शुरू करने से न डरिए। सही मार्गदर्शन, धैर्य, सेवा का भाव और निरंतर प्रयास—ये चार बातें आपको आगे ले जाएँगी। यदि आप ईमानदारी से काम करेंगे तो मदद करने वाले लोग अवश्य मिलेंगे।

मैं अपने अनुभव से कह सकता हूँ कि एक सही सलाह, एक आत्मीय शब्द, एक प्रेरणा भरी दृष्टि किसी व्यक्ति के जीवन की दिशा बदल सकती है। मेरे लिए श्री जगदीप जी का साथ यही सब लेकर आया। उनकी उदारता, विनम्रता और प्रेरणा हमेशा मेरे साथ रहेगी और मैं चाहता हूँ कि हर पहल करने वाला व्यक्ति ऐसी प्रेरणा से शक्ति पाए, आगे बढ़े और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का साहस जुटाए।

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