स्वास्थ्य की ओर

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पाचन तंत्र को समझें, सदैव स्वस्थ रहें

“स्वस्थ जीवन की कुंजी है—सही पाचन प्रक्रिया”

हमारी सेहत इस बात पर निर्भर करती है कि जो भोजन हम खाते हैं, वह हमारे शरीर में कितनी प्रभावशाली ढंग से पचता है। पाचन तंत्र शरीर का वह तंत्र है जो भोजन को ऊर्जा में बदलता है और पोषक तत्वों को पूरे शरीर में पहुंचाता है। यदि यह तंत्र ठीक ढंग से कार्य न करे, तो अन्य सभी तंत्र भी प्रभावित हो जाते हैं। इसलिए, पाचन तंत्र की कार्यप्रणाली को समझना अत्यंत आवश्यक है।

पाचन की शुरुआत: मुंह से

भोजन सबसे पहले मुंह में दांतों द्वारा चबाया जाता है। इस प्रक्रिया के दौरान लार ग्रंथियों से निकलने वाली गाढ़ी लार भोजन में मिलती है। इस लार में टायलीन नामक एक एंजाइम होता है, जो श्वेतसार (जैसे गेहूं, चावल, आलू, केला आदि) को शक्कर में बदलने का कार्य करता है।

> सुझाव: भोजन को इतनी देर तक चबाएं कि वह बिना किसी प्रयास के अपने आप गले की ओर चला जाए।

गले में दो नलियाँ: भोजन और श्वास का मार्ग

गले में दो मुख्य नलियाँ होती हैं:

– श्वास नली (Trachea): जो फेफड़ों तक हवा पहुंचाती है।

– ग्रासनली (Esophagus): जो भोजन को पेट तक ले जाती है।

जब हम भोजन निगलते हैं, तो एक झिल्ली उप-जीभा (Epiglottis) श्वास नली को ढक देती है ताकि भोजन गलत मार्ग में न जाए। यदि भोजन या पानी का कोई कण गलती से श्वास नली में चला जाए, तो तेज खांसी के द्वारा वह बाहर निकाल दिया जाता है।

पेट में पहुंचकर पाचन प्रक्रिया तेज होती है।

ग्रासनली से भोजन धीरे-धीरे थैलीनुमा अंग अमाशय (Stomach) में पहुंचता है, जो लगभग 15 इंच लंबा और 4 इंच चौड़ा होता है। इसमें एक बार में लगभग डेढ़ किलो भोजन समा सकता है। यहाँ भोजन को अमाशय की दीवारों से निकलने वाला गैस्ट्रिक रस लसलसे रूप में बदल देता है, जिसे पाईम (Chyme) कहते हैं।

इस रस में मौजूद एंजाइम प्रोटीन को पेप्टोन में बदल देते हैं, जिससे शरीर को पोषण प्राप्त होता है।

ध्यान देने योग्य दो महत्वपूर्ण बातें

भोजन के बाद 4–5 घंटे कुछ न खाएं

इस दौरान अमाशय पाचन प्रक्रिया में व्यस्त रहता है। यदि इस समय कुछ और खा लिया जाए, तो नया भोजन (जो क्षारीय होता है) अमाशय में मौजूद पुराने भोजन (जो अम्लीय हो चुका होता है) से टकराता है। इससे पाचन रसों की क्रिया बाधित हो जाती है और गैस, बदहजमी जैसे विकार उत्पन्न हो सकते हैं।

भोजन को अच्छी तरह चबाएं

अधपच भोजन पाचन क्रिया को धीमा कर देता है और यह पेट में अपच, गैस और एसिडिटी का कारण बन सकता है। जितनी अच्छी तरह आप भोजन चबाएंगे, उतना ही बेहतर पाचन होगा।

निष्कर्ष

पाचन तंत्र शरीर का आधारभूत तंत्र है। यदि यह स्वस्थ है, तो शरीर भी स्वस्थ रहेगा। इसके लिए जरूरी है कि हम भोजन को चबाने, समय पर खाने और बीच में कुछ न खाने जैसी आदतें अपनाएं। पाचन को समझना केवल विज्ञान नहीं, बल्कि स्वस्थ जीवन का मूल मंत्र है।

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आइडिया

श्री सत्यपाल सिंह जी

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