‘नीव’ द्वारा विश्व बौद्धिक संपदा दिवस के अवसर पर वेबिनार का सफल आयोजन
नई दिल्ली, 26 अप्रैल 2025 – विश्व बौद्धिक संपदा दिवस के अवसर पर आज एक विशेष वेबिनार का आयोजन किया गया, जिसे ‘नीव’ (NEEV means National Education for Empowerment of Voters) द्वारा आयोजित किया गया। इस वेबिनार का उद्देश्य बौद्धिक संपदा अधिकारों (IPR) के महत्व और उनके उपयोग के बारे में जागरूक करना था।
इस वर्ष के लिए विश्व बौद्धिक संपदा दिवस की थीम “Music and IP: feel the beat of IP” है।
कार्यक्रम की शुरुआत माँ सरस्वती की वंदना से हुई, जिसके बाद कार्यक्रम का औपचारिक उद्घाटन डॉ. उपदेश वर्मा, नैशनल कोऑर्डिनेटर, NEEV द्वारा किया गया। उन्होंने बौद्धिक संपदा अधिकारों के ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य और वर्तमान संदर्भ में इनकी महत्ता पर प्रकाश डाला। डॉ. वर्मा ने यह बताया कि बौद्धिक संपदा से संबंधित अधिकारों की समझ और संरक्षण वैश्विक स्तर पर व्यापार, शिक्षा, और नवाचार के लिए महत्वपूर्ण है।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉ. सुमन एस. सिंह (सेवानिवृत्त उप नियंत्रक, पेटेंट्स, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय) और प्रशांत जी (पेटेंट परीक्षक) रहे। उन्होंने बौद्धिक संपदा के विभिन्न पहलुओं; जैसे कि पेटेंट, डिज़ाइन, और कॉपीराइट के विषय में विस्तार से चर्चा की।
चर्चा के मुख्य बिंदु
1. पेटेंट अधिकारों की जानकारी: डॉ. सिंह ने बताया कि पेटेंट क्या होते हैं, कैसे किसी तकनीकी नवाचार या खोज को पेटेंट कराया जा सकता है, और पेटेंट मिलने के लाभ क्या होते हैं।
2. कॉपीराइट और डिज़ाइन: प्रशांत जी ने कॉपीराइट और डिज़ाइन के विषय में गहन जानकारी दी, जिसमें यह बताया कि कला, साहित्य और सृजनात्मक कार्यों को कैसे सुरक्षित किया जा सकता है और उनका कानूनी संरक्षण कैसे होता है।
3. विभिन्न कानूनी पहलुओं पर चर्चा: वेबिनार में बौद्धिक संपदा अधिकारों से संबंधित कानूनी मुद्दों पर भी विस्तृत चर्चा की गई, जैसे कि आईपीआर उल्लंघन के मामले और इनसे निपटने के तरीके।
4. प्रश्नोत्तरी सत्र: प्रतिभागियों ने विशेषज्ञों से अपने व्यक्तिगत अनुभवों और प्रश्नों के बारे में चर्चा की। यह सत्र काफी इंटरएक्टिव रहा, जिसमें उन्होंने बौद्धिक संपदा अधिकारों के बारे में अपनी जानकारी को और सुदृढ़ किया।
5. जागरूकता और महत्व: डॉ. वर्मा ने इस बात पर जोर दिया कि बौद्धिक संपदा अधिकारों की सुरक्षा न केवल कानूनी दृष्टिकोण से, बल्कि राष्ट्र की आर्थिक प्रगति और वैश्विक प्रतिस्पर्धा में सफलता के लिए भी आवश्यक है।
6. विकसित देशों में बौद्धिक संपदा अधिकारों की स्थिति: वक्ताओं ने यह भी साझा किया कि कैसे विकसित देशों में बौद्धिक संपदा अधिकारों को महत्वपूर्ण माना जाता है और किस प्रकार इनका सही उपयोग व्यवसायों और नवाचार के लिए किया जाता है।
इस वेबिनार में 200 से अधिक प्रतिभागियों ने ऑनलाइन भाग लिया, जिसमें देश भर से छात्रों, शोधकर्ताओं और बौद्धिक संपदा में रुचि रखने वाले पेशेवरों ने सक्रिय रूप से भाग लिया।
कार्यक्रम का आयोजन NEEV संस्था ने Manyavar Kanshiram Govt Degree College, MMH College, RG PG College Meerut, SD College Muzaffarnagar और CCS University Meerut के साथ मिलकर किया था।
NEEV के राष्ट्रीय संयोजक डॉ उपदेश वर्मा ने कहा कि
“हमने इस वेबिनार के माध्यम से बौद्धिक संपदा अधिकारों की व्यापकता और उनके महत्व को दर्शाने की कोशिश की है। हम उम्मीद करते हैं कि यह पहल अधिक से अधिक लोगों को इनके संरक्षण और उपयोग के प्रति जागरूक करेगी।”
कार्यक्रम का समापन धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ, जिसमें प्रतिभागियों को उनके सक्रिय योगदान के लिए सराहा गया।
‘नीव’ एक सामाजिक शैक्षणिक पहल है जिसे IIT के पूर्व छात्रों ने शुरू किया है। इसका लक्ष्य है –
“अगर गरीब शिक्षा तक नहीं आ सकते, तो शिक्षा को उनके पास लाना चाहिए।”
मेरठ जनपद के गाँवों और स्लम क्षेत्रों में ‘नीव’ द्वारा चलाई जा रही कक्षाएं समाज के सबसे वंचित वर्ग को मुख्य धारा में लाने की दिशा में कार्य कर रही हैं।
भवदीय
डॉ उपदेश वर्मा
राष्ट्रीय संयोजक NEEV
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वेबसाइट: www.neeviit.org
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