मवई गांव में महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम
प्रस्तुतकर्ता
मवई विकास संस्था
स्थान
मवई गांव, स्याना तहसील, बुलंदशहर, उत्तर प्रदेश
तिथि
26.04.2025
गांव की पृष्ठभूमि
मवई गांव, दिल्ली से लगभग 140 किलोमीटर दूर, उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले की स्याना तहसील में स्थित है। यह गांव पवित्र गंगा नदी के किनारे बसा हुआ है, जो बुलंदशहर और अमरोहा जिलों की सीमा बनाती है। गांव में लगभग 2,500 से अधिक मतदाता हैं।
शिक्षा की दृष्टि से यह क्षेत्र अभी भी पिछड़ा हुआ है। गांव में केवल एक सरकारी मिडिल स्कूल है, जिससे विशेष रूप से बालिकाओं की शिक्षा बाधित हुई है। स्वास्थ्य सुविधाओं की भी कमी है। वर्तमान ग्राम प्रधान श्री चरण सिंह हैं। हालांकि सरकार की विभिन्न योजनाएं यहां पहुंची हैं, लेकिन ग्रामवासियों और अधिकारियों की उदासीनता के चलते इनका लाभ सीमित ही रहा है।
संस्था की स्थापना और कार्य
गांव के समग्र विकास के उद्देश्य से वर्ष 2022 में “मवई विकास संस्था” की स्थापना की गई, जिसकी अध्यक्षा डॉ. (श्रीमती) संगीता अंबावत हैं।
संस्था द्वारा अब तक
– 30 से अधिक स्वास्थ्य और नेत्र चिकित्सा शिविरों का आयोजन किया जा चुका है।
– सरकारी स्कूलों में अध्ययनरत बच्चों को नियमित रूप से लेखन सामग्री वितरित की जाती है।
– सभी सरकारी स्कूलों को संस्था द्वारा लैपटॉप प्रदान किए गए हैं।
महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम का आयोजन
संस्था द्वारा इस वर्ष “ग्राम विकास में महिलाओं की भागीदारी एवं सरकारी योजनाओं की जानकारी” विषय पर विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। मवई और आसपास के गांवों में प्रचार-प्रसार बैनर, पंपलेट और माइक के माध्यम से किया गया।
मुख्य अतिथिगण एवं वक्ता
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में पधारे-
– डॉ. महिपाल (IES) – पूर्व निदेशक, ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार
– श्री पदम खेड़ा– सामाजिक कार्यकर्ता एवं पंचायती राज विशेषज्ञ
– श्रीमती स्नेहलता गौतम – अध्यक्ष, महिला कौशल विकास संस्था
– श्रीमती दुर्गेश चौहान – समाजसेविका एवं प्रशिक्षणकर्ता
कार्यक्रम की शुरुआत एवं प्रस्तुतियां
कार्यक्रम की शुरुआत गांव के लोकदेवता ‘मांडू’ की तस्वीर के समक्ष दीप प्रज्वलन के साथ हुई।
श्रीमती स्नेहलता गौतम ने जानकारी दी कि उनकी संस्था मवई में दो स्थानों पर महिलाओं को फैशन डिजाइनिंग और ब्यूटी पार्लर का प्रशिक्षण दे रही है।
– श्रीमती दुर्गेश चौहान ने बताया कि सिलाई मशीनों की कमी के बावजूद वे सुई-धागे से सिलाई सिखा रही हैं।
– श्री पदम खेड़ा ने पंचायती राज की योजनाओं की जानकारी दी और महिलाओं को सक्रिय भागीदारी के लिए प्रेरित किया।
– श्री शिवम अंबावत ने सरकारी योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी और बताया कि वे गांव में ‘ग्राहक सेवा केंद्र’ संचालित कर रहे हैं।
मुख्य अतिथि डॉ. महिपाल का उद्बोधन
डॉ. महिपाल ने ‘विकास’ की अवधारणा को विस्तार से समझाते हुए महिलाओं की भूमिका को केंद्र में रखा। उन्होंने बताया कि:
– महिलाएं मनरेगा (MGNREGA) और राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM) के तहत स्वयं सहायता समूह बनाकर आत्मनिर्भर बन सकती हैं।
– इन समूहों के उत्पादों की बिक्री से कई महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त बनी हैं।
– उन्होंने उपस्थित महिलाओं के सवालों का उत्तर दिया और उन्हें आश्वासन दिया कि वे आगे भी मार्गदर्शन करते रहेंगे।
संबोधन एवं सम्मान
– श्री केपी सिंह ने ‘सुकन्या योजना’ एवं ‘कन्या शुभ मंगल योजना’ के बारे में बताया और सामूहिक प्रयासों का आह्वान किया।
– संस्था अध्यक्ष डॉ. संगीता अंबावत ने बताया कि सरकारी स्कूलों को कुल 11 पंखे दिए गए हैं, जिससे गर्मी में बच्चों को राहत मिलेगी।
– श्री सौपाल सिंह ने अपने सारगर्भित भाषण में ग्रामवासियों को निरंतर प्रयास करते रहने के लिए प्रेरित किया।
– पूर्व प्रधान श्री जगदेव सिंह ने मंच संचालन करते हुए उत्तर प्रदेश पुलिस में चयनित युवाओं को ट्रॉफी और मेडल प्रदान किए।
– सभी विशिष्ट अतिथियों को शील्ड देकर सम्मानित किया गया।
समापन
सभा का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ। इसके उपरांत सभी उपस्थितों को सामूहिक भोज के लिए आमंत्रित किया गया।
निष्कर्ष
यह कार्यक्रम मवई गांव में महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक सशक्त पहल सिद्ध हुआ। उपस्थित जनसमूह, वक्ताओं की सक्रिय सहभागिता, और महिलाओं की भागीदारी ने इस आयोजन को सफल बनाया। संस्था को आशा है कि इस पहल से गांव में जागरूकता बढ़ेगी और ग्रामीण महिलाएं अपने अधिकारों, योजनाओं और क्षमताओं को पहचानकर विकास की मुख्यधारा में जुड़ेंगी।
कार्यक्रम के छायाचित्र
सूचना स्रोत
श्री (डॉ.) महिपाल
प्रस्तुति