स्वरचितः-💥💥💥
बाबू लाल नायक (व्याख्याता)
राज0 उच्च माध्यमिक विद्यालय
खरेड़ा टोडारायसिंह टोंक राज0
💢बाल कविताएँ 💢
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(1)
एक हमारी “शाला” जिसमें,
दो गुरुजी! आते हैं।
तीन कक्ष की शाला जिसमें,
चार दिवारी चारों ओर।
पांचवीं तक के बच्चे पढ़ते,
छः साल के पढ़ने आते।
सात तरह के खेले खेल,
आठ बच्चों की बनी है रेल।
नौ क्यारी में फूल खिले हैं,
दस-दस बच्चे सींच रहे हैं।
दस तक गिनती सीखो भाई,
इसमें सबकी होय भलाई।
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(2)
एक कौआ बहुत प्यासा,
पानी को वो ढूंढ रहा था।
उसने देखा एक मटका,
उड़कर झटपट उस तक पहुंचा।
उसमें पानी पीना चाहा,
लेकिन पानी नीचे था।
कंकड़ देख दिमाग लगाया,
दबा चौंच मटके में लाया।
झटपट पानी ऊपर आया,
प्यास बुझा उसने सुख पाया।
मेहनत का फल होता अच्छा,
सब काम करो अच्छा-अच्छा।
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(3)
एक हाथी आता है,
तालाब में नहाने जाता है।
दर्जी की दुकान पर वो,
रोज केले खाता है।
खाता है भाई खाता है,
रोजाना केले खाता है,
दर्जी को शरारत सूझी।
सुई चुभोना दी सूंड में,
हाथी ने चिंघाड़ लगाई।
दौड़ चला तालाब में,
सूंड में कीचड़ लाता है।
दुकान पर लौट के आता है,
फुर्र किया दर्जी के ऊपर।
दर्जी घबरा जाता है।
जैसा कर्म किया दर्जी ने,
वैसा फल वो पाता है।
बुरे काम का बुरा नतीजा,
सबको मिलता रहता है।
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(4)
खुल गए स्कूल बज गई घंटी,
बच्चे है जो दौड़े आते।
हाथ में थैला लेकर आते,
दौड़-दौड़ कक्षा में जाते।
मुंह पर मास्क लगाकर आते।
सेनीटाइज करते हैं हाथ।
दो गज दूरी रखते साथ।
गाइड लाइन की करे पालना।
नहीं किसी से हाथ मिलाना।
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(5)
आओ बच्चों तुम्हें सिखाएं,
कोरोना की बात बताएँ।
छींकने से कुनबा बढ़ता,
हाथ मिलाए श्वास में चढ़ता।
चक्कर आते दम घुट जाए।
अच्छे भले की वाट लगाए।
पंहुचा देता है यमलोक में।
देर न करता मृत्युलोक में।
बचकर रहना है सुखदायी।
मुँह पर मास्क पहनना भाई।
सेनेटाइजर सब साथ रखना,
दो गज दूरी बनाए रखना।
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(6)
एक चली बैलों की गाड़ी,
जुतै हुए दो बैल अगाड़ी।
तीन दिनो तक चली है गाडी।
चार दिनों तक करी सवारी।
पांचवे दिन मंजिल पर आए।
छःदिनो तक मौज मनाए।
सातवें दिन नानी से बोले।
आठवें दिन गाडी को ढौलै।
नोवें दिन में वापस आए।
दसवें दिन शाला में जाए।
पढना लिखना है सुखदायी
जीवन में सब खुशियाँ छायी
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रचयिता
श्री बाबूलाल ‘नायक’
प्रस्तुति