परीक्षा परिणाम पर चली थी
जब 2025 का सी.बी.एस.सी.का परिणाम आया,
किसी की झोली में खुशियाँ, तो किसी को रुलाया।
जिन्होंने परिश्रम और समय का सदुपयोग किया था,
उनका उत्तम परिणाम आया, अपनों को खुशियाँ दिया था
और जिस-जिसने मोबाइल चलाया, समय गंवाया था,
परिणाम ने उनको रुलाया, परिवार का दिल दुखाया था।
उत्तम परिणाम वालों की आगे की राह आसान हो गई,
वहीं, विफल होने वालों की जिन्दगी वीरान हो गई।
इसीलिए तो कहा गया है कि समय बड़ा बलवान है,
जो समय के साथ चलकर परिश्रम करता, वही तो महान है।
सुनो! निराश होकर बैठे रहना समझदारी नहीं,
अभी उठो, कर्म करो, अभी संभावनाएं कई हैं।
अपनी शक्ति को जाग्रत करो, पिछली गलती भूल जाओ,
आज से, अभी से, पुनः अपनी मंजिल की ओर कदम बढ़ाओ।
रचयिता
कवि मुकेश कुमावत ‘मंगल’
टोंक
आघात
आजकल जख्म देने वाले ही,
जख्म पर मरहम लगाने की बात करते हैं
मुँह पर मीठी-मीठी बातें,
और, पीछे से घात करते हैं,
गरीबों और भोलों को,
ऐसों से सावधान रहना चाहिए,
ऐसे लोग, गरीबों, लाचारों व
कमजोरों पर ही आघात करते हैं।।
रचयिता
कवि मुकेश कुमावत मंगल
टोंक
।। अपनी-अपनी राह।।
जो व्यक्ति असंतुष्ट, वह बागी बन जाता है,
या तो दल बदल लेता या नया दल बनाता है,
खुद को सर्वश्रेष्ठ समझने वाले लोगों से वह,
अपना मन और इरादा दोनों बदल ही लेता है।।
रचयिता
कवि मुकेश कुमावत मंगल
टोंक।
प्रस्तुति