क्या युवा परिपक्व हो सकता है?”
अक्सर लोगों को लगता है कि परिपक्वता (maturity) सिर्फ उम्र से आती है।
लेकिन सच यह है कि
“समझदारी उम्र की मोहताज नहीं होती।”
कई बार छोटे उम्र के लोग भी ऐसी बातें और ऐसा बर्ताव करते हैं जो बड़ों को सोचने पर मजबूर कर देता है।
तो प्रश्न यह है—क्या कोई युवा भी परिपक्व हो सकता है?
जवाब है—बिलकुल हो सकता है।
परिपक्वता होती क्या है?
परिपक्वता का मतलब है—
<span;><span;>* किसी भी बात पर गुस्से से नहीं, सोच-समझ से जवाब देना।
<span;><span;>* किसी भी बात को एक तरफ़ा नहीं, सभी पहलुओं से समझने की कोशिश करना।
<span;><span;>* अपनी गलती मानने का साहस रखना।
<span;><span;>* दूसरों की भावनाओं का आदर करना।
<span;><span;>* बिना जरूरत के विवाद से बचना।
परिपक्व इंसान जल्दबाज़ी में फैसले नहीं लेता। वो सोचता है, समझता है, और फिर कुछ बोलता या करता है।
कैसे पहचानें कि कोई युवा परिपक्व है?
अगर कोई युवा:
<span;><span;>* अपने माता-पिता और बुजुर्गों की बातें ध्यान से सुनता है,
* छोटी बातों में नाराज़ नहीं होता,
* आलोचना सहन करता है और खुद को बेहतर बनाता है,
* रिश्तों को समझता है और निभाता है,
और
बुराई करने वालों के साथ भी धैर्य से पेश आता है…
तो ये सब बातें दिखाती हैं कि वह परिपक्व है।
क्या परिपक्वता को साबित करना पड़ता है?
नहीं।
परिपक्वता शब्दों से नहीं, बर्ताव से दिखती है।
जब लोग आपके बारे में कहें—”यह लड़का/लड़की तो बड़ी समझदारी से बात करता है”, “कितना शांत और संतुलित है”—तो समझिए आप परिपक्व माने जा रहे हैं।
परिपक्व इंसान को खुद ये कहने की ज़रूरत नहीं पड़ती कि “मैं समझदार हूँ”,
उसका व्यवहार ही उसकी पहचान बन जाता है।
निष्कर्ष
परिपक्वता का उम्र से कोई सीधा संबंध नहीं।
जिनके अंदर सोचने की समझ, बोलने का संयम और रिश्तों को संभालने का हुनर होता है—वो ही सच्चे मायनों में परिपक्व होते हैं।
और यह कोई भी बन सकता है—चाहे युवा हो या वयस्क।