काव्य गोष्ठी का आयोजन

गज़लकार ममता मंजुला के सान्निध्य में काव्य गोष्ठी आयोजित

साहित्य सारथी मंच, टोंक द्वारा आज माह जुलाई की मासिक काव्य गोष्ठी का आयोजन जय मां भारती कुमावत हॉस्टल टोंक में किया गया। माँ भारती हॉस्टल के संचालक मुकेश मंगल ने बताया कि

“इस काव्य गोष्ठी में कवि दयाशंकर शर्मा ने ‘वीणा वादिनी कृपा करो माँ, हँसवाहिनी कृपा करो’ व ‘जल जीवन आधार रे बंदे, जल जीवन का सार’,कवियित्री नादान निक्की ने ‘सुहाना मौसम यह सब को भाया रे देखो देखो प्यार सावन आया रे’ व मोबाइल पर हास्य व्यंग्य कविता, कवियित्री मनीषा ने ‘वह भी क्या बचपन था’ व ‘कवि की कल्पनाओं का सागर है कविता’, कवि बाबूलाल नायक ने राजस्थानी गीत ‘पिया म्हारा आजा रे आजा छोड़ परायो देश’ व ‘जमानो कलजुग को यो छा ग्यो रे सुण जे म्हारा भाई’, कवियित्री सावित्री सत्या ने सावन पर ‘माहिये’ व राजस्थानी गीत ‘बालम बात म्हारी थे मानो जी, अबकी बार चुणावां मं सरपंच बनाद्यो जी’, कवियित्री ममता मंजुला ने ‘अपने ख्वाबों की तुझको ताबीर नहीं देंगे,सुन ले पाकिस्तान तुझे कश्मीर नहीं देंगे’ व ‘धोरां आळा देश मं पधारो जी मेहमान, थाने में दिखास्याँ म्हे प्यारो राजस्थान’, कवि हनुमान बादाम ने ‘सावण स्पेशल’ राजस्थानी गीत ‘बादळीयो बिरखा बरसावे मनड़ो म्हारो तरसे जी’ व नवाबी नगर टोंक पर कविता, कवियित्री रेखा जैन प्रकाश ने ‘चंदा मामा आओ ना’ बाल गीत व ‘मां के हृदय से बहती है ममता की रसधार’, कवियित्री शिमला शर्मा शुभ्रा ने ‘हे गुरुवर नमन चरण में गुरु वंदना व मुझ पर तेरा हक है, तुझ पर मेरा है अधिकार व मां भारती हॉस्टल, टोंकके निदेशक कवि मुकेश मंगल ने कागज की कश्ती को तैराने के दिन आ गए, कल-कल बहते झरनों में नहाने के दिन आ गए व वाह रे मेरे हिंदुस्तान वाह रे मेरे भारत देशभक्ति गीत रचना प्रस्तुत की। इस अवसर पर हॉस्टल के समस्त विद्यार्थी उपस्थित रहे। काव्य गोष्ठी का आयोजन बहुत शानदार रहा। काव्य गोष्ठी में मंच संचालन कवि हनुमान बादाम ने किया।

विदित रहे साहित्य सारथी मंच टोंक विभिन्न सामाजिक सरोकारों से जुड़कर तथा नवोदित कवियों और साहित्यकारों के साथ टोंक में तेजी से बढ़ता साहित्य मंच है जो साहित्य के क्षेत्र में अपनी नई पहचान बना रहा है।

चित्रशाला