हिंदी उर्दू के साहित्यकार कृष्ण कुमार ‘बेदिल’ के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में मुशायर एक शाम के० के० ‘बेदिल’ के नाम शीर्षक से मुशायरा का आयोजन हम ख़याल फाउंडेशन और अंतरराष्ट्रीय साहित्य कला मंच द्वारा 30 जुलाई 2025 केसरिया स्वीट्स, मेरठ में कार्यक्रम अध्यक्ष श्री गोविंद रस्तोगी जी और मुख्य अतिथि श्री विवेक रस्तोगी जी महानगर अध्यक्ष भारतीय जनता पार्टी मेरठ व प्रेरक उपस्थिति विख्यात कवि प्रोफेसर हरि ओम पंवार साहब रहे। प्रत्येक वर्ष की भाँति इस वर्ष का के० के० ‘बेदिल’ हिन्दी अवॉर्ड श्री यशपाल कोत्स्यायन जी को और के०के० ‘बेदिल’ उर्दू अवॉर्ड मशहूर शायर डॉक्टर रियाज सागर को दिया गया। कवि सम्मेलन का संचालन इरशाद बेताब एडवोकेट ने किया।
कार्यक्रम की शुरुआत श्री गोविंद रस्तोगी और प्रोफेसर युनुस गाज़ी व अतिथियों के द्वारा दीप प्रज्वलित करके की गई । उसके बाद रचना वानिया ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की।
इरशाद बेताब ने पढ़ा कि
उसको फर्क नहीं पड़ता अब मेरी किसी भी बात से भी ।
प्यार वादे भरोसा तोड़ा खेल गया जज़्बात से भी।
मनोज कुमार ‘मनोज’ ने पढ़ा कि
बिना बरसे कोई बादल कभी कोई बादल नहीं होता।
न जिसमें प्यार का कोई निशाँ आंचल नहीं होता ।
सजन की आँख में सजकर कभी देखा नहीं जिसने,
वो केवल रंग काला है कभी काजल नहीं होता ।
अंत में युनुस गाज़ी ने अपनी बेहतरीन कविता से
सभी का दिल मोह लिया। कवि सम्मेलन में
इंदरजीत सुकुमार, जमशेद माहिर, डॉक्टर सरोजनी तनहा, अलका गुप्ता ‘भारती’, आदि ने अपनी कविता-शायरी से श्रोताओं का दिल जीता।
कवि के आयोजन में कनवीनर दीप रस्तोगी, स्वीटी रस्तोगी, इरशाद बेताब, डॉक्टर राम गोपाल ‘भारतीय’ ने विशेष भूमिका निभाई।
कार्यक्रम के दौरान कवियों ने प्रेम, समाज और जीवन की जटिलताओं पर आधारित कविताएं प्रस्तुत कीं।
कवि सम्मेलन का आयोजन शांति और सौहार्दपूर्ण माहौल में हुआ। आयोजकों ने श्रोताओं और शायरों का धन्यवाद ज्ञापित किया और आगे भी इस तरह के आयोजनों को निरंतर आयोजित करने का संकल्प लिया। इस कवि सम्मलेन में साहित्य प्रेमियों ने हिस्सा लिया और इसे एक सफल आयोजन के रूप में सराहा।
कार्यक्रम में सुधाकर आशावादी, निर्वाचन जी , आफाक अहमद खान, श्याम मोहन गुप्ता, सुमनेश सुमन, मुक्त शर्मा, कविता मधुर आदि उपस्थित रहे ।
सूचना स्रोत
इरशाद बेताब
प्रस्तुति