स्वामी विवेकानंद बालिका शिक्षा प्रचार समिति
जयपुर में शिक्षक-सम्मान समारोह
डॉ. नाज़ परवीन सहित 56 शिक्षकों को नवाचार और उत्कृष्ट योगदान हेतु सम्मानित किया गया
जयपुर, 6 सितंबर 2025। स्वामी विवेकानंद बालिका शिक्षा प्रचार समिति, जयपुर द्वारा शिक्षक दिवस के अवसर पर आज एसएस जैन सुबोध पीजी महिला महाविद्यालय, रामबाग सर्किल, जयपुर में भव्य शिक्षक-सम्मान एवं पुरस्कार वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। समिति के अध्यक्ष डॉ. शैलेंद्र मौर्य ने शिक्षकों के प्रति सम्मान व्यक्त करते हुए कहा कि
“शिक्षा समाज का आधार है और शिक्षक उसकी आत्मा। उन्होंने शिक्षकों द्वारा किए जा रहे नवाचार, समर्पण, सामाजिक सेवा और शिक्षण में उत्कृष्ट योगदान की सराहना की।”
इस अवसर पर शिक्षा के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान देने वाले कुल छप्पन शिक्षकों को सम्मानित किया गया। इनमें –
✅ छह शिक्षकों को स्वामी विवेकानंद शिक्षक गौरव सम्मान,
✅ पच्चीस शिक्षकों को स्वामी विवेकानंद शिक्षक रत्न सम्मान, और
✅पच्चीस शिक्षकों को स्वामी विवेकानंद टीचर्स अचीवर्स अवार्ड प्रदान किए गए।
स्वामी विवेकानंद शिक्षक गौरव सम्मान से सम्मानित शिक्षक
प्रो. जनक सिंह मीणा, प्रो. सुनील कुमार महावर, डॉ. राजेश कुमार शर्मा, डॉ. स्वाति जैन, डॉ. नीतिला माथुर और डॉ. ए. एन. सिंह।
स्वामी विवेकानंद शिक्षक रत्न सम्मान से सम्मानित शिक्षक
डॉ. मुकेश कुमार वर्मा, डॉ. लोकेश्वरी, डॉ. स्वाति बिजावत, डॉ. संजना शर्मा, डॉ. विनीत शर्मा, डॉ. अनुराग शर्मा, डॉ. सुमन मौर्य, डॉ. दीपक सालवी, डॉ. प्रियंका आर्य, डॉ. साक्षी अरोरा, डॉ. रुबीना साजिद, डॉ. अंजलि गौतम, डॉ. अमनपाल सिंह, डॉ. अंशु वर्मा, डॉ. बबित कुमार बिहान, डॉ. नीलम सेन, डॉ. रुचिका शर्मा, प्रो. जगदीश कुमार अरुण, डॉ. रुचि अग्रवाल, डॉ. विजयलक्ष्मी मिश्रा, डॉ. अपर्णा शर्मा, डॉ. अनीता शर्मा, डॉ. मोहनलाल, रामभरोस मीणा।
स्वामी विवेकानंद टीचर्स अचीवर्स अवार्ड से सम्मानित शिक्षक
डॉ. अनमोल सिंह शेखावत, डॉ. कमलेश कुमार सैनी, डॉ. इंदिरा लूना, डॉ. रेणुका शर्मा, डॉ. लवली, डॉ. रचना, डॉ. नाज़ परवीन (श्री द्रोणाचार्य स्नातकोत्तर महाविद्यालय, दनकौर, ग्रेटर नोएडा), डॉ. कप्तान चंद, रेखा खंडेलवाल, डॉ. ब्रह्म प्रकाश यादव, डॉ. बद्री नारायण जाट, अशोक कुमार बलदेव भाई प्रजापति, डॉ. सुमित्र देवी शर्मा, ताराचंद बेड़ीवाल, सृष्टि शर्मा, डॉ. स्मृति पारीख, डॉ. संगीता जैन, डॉ. कृति सक्सेना, डॉ. तनु यादव, एकता जैन, डॉ. मनीषा, डॉ. हेमा कोठारी, डॉ. निकिता गुप्ता।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रो. जनक सिंह मीणा (चेयरपर्सन, गांधियन थॉट एंड पीस स्टडी डिपार्टमेंट, गुजरात केंद्रीय विश्वविद्यालय) रहे, जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ. राजेश कुमार शर्मा (अध्यक्ष, राजनीति विज्ञान विभाग, राजस्थान विश्वविद्यालय) उपस्थित रहे। कार्यक्रम का प्रारंभ डॉ. स्वाति जैन (प्राचार्य, एसएस जैन सुबोध पीजी महिला महाविद्यालय) द्वारा अतिथियों के स्वागत से हुआ।
इस कार्यक्रम में उपस्थित शिक्षकों, छात्राओं और शिक्षाविदों ने सामूहिक रूप से शिक्षा को समावेशी, नवाचार-समर्थ और मानवता केंद्रित बनाने का संकल्प लिया। समापन पर सभी ने बच्चों की शिक्षा के लिए समर्पित भाव से कार्य करने का वचन दिया।
डॉ. शैलेंद्र मौर्य ने कहा कि

“शिक्षक समाज निर्माण में आधारशिला हैं। नवाचार, शोध और समर्पण से शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ती है। यह सम्मान शिक्षकों के अद्वितीय योगदान को समाज के सामने लाने का प्रयास है। हमारा उद्देश्य ऐसे शिक्षकों को पहचान देना है जो समाज और शिक्षा के क्षेत्र में प्रेरणा बन रहे हैं।”
यह कार्यक्रम शिक्षकों के प्रति सम्मान व्यक्त करने के साथ-साथ समाज में शिक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने और उत्कृष्ट कार्य करने वाले शिक्षकों को पहचान दिलाने का प्रेरणादायी प्रयास रहा।
चित्रशाला
पुरस्कृत प्रतिभा डॉ नाज परवीन का मत
“मैं डॉ. नाज़ परवीन (सहायक आचार्या, इतिहास) स्वामी विवेकानंद बालिका शिक्षा प्रचार समिति, जयपुर का हृदय से आभार व्यक्त करती हूँ, जिन्होंने मुझे ‘शिक्षक गौरव सम्मान’ से सम्मानित किया। यह सम्मान मेरे लिए प्रेरणादायक है। मेरा यह सम्मान देश की संघर्षशील महिलाओं और बालिकाओं को समर्पित है। साथ ही मैं इस विश्वास और प्रोत्साहन के लिए संस्था की समस्त टीम की आभारी हूँ। संस्था का यह सम्मान मुझे बालिका शिक्षा और महिला सशक्तिकरण की दिशा मे काम करने का नया हौसला और पहचान प्रदान करने वाला है! मैं पुनः स्वामी विवेकानंद बालिका शिक्षा प्रचार समिति, जयपुर का हार्दिक आभार व्यक्त करती हूँ जिन्होंने मेरे सामाजिक कार्यों की पहचान कर उन्हें समाज के सामने लाने का काम किया और अपने प्रतिष्ठित अवार्ड से मुझे नवाजा, आपका आभार!”
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता प्रो जनक सिंह मीणा का उद्बोधन
“मुझे युवाओं के चेहरों पर जीवंत ऊर्जा दिखाई देती है जो राष्ट्र के निर्माण की ओर संकेत करती है। युवा देश की प्रगति के वाहक हैं,सकारात्मक परिवर्तन का पुंज हैं और एक सुदृढ राष्ट्र की नींव हैं। हमारे युवाओं में होश के साथ जोश है और असीम संभावनाओं की उम्मीद हैं। हमारे देश के युवाओं में स्वामी विवेकानंद, भगत सिंह, चन्द्रशेखर आजाद, सुभाषचंद बोस, गोविंदगुरू,बिरसा मुण्डा जैसे महापुरुषों ने अपने कार्यों से राष्ट्र निर्माण के लिए सब कुछ न्यौछावर कर दिया था। डॉ.ए पी जे अब्दुल कलाम ने सपनों को राष्ट्र निर्माण का आधार बनाया था और सपनों को विचारों में तथा विचारों को कार्यें में बदलने के लिए युवाओं को प्रेरित किया । नेल्सन मंडेला ने कहा था कि युवाओं का साहस सबसे कठोर जंजीरों को भी तोड सकता है।स्वामी विवेकानंद ने कहा था कि यदि मुझे सौ ऊर्जावान युवक मिल जाएं तो मैं भारत को बदल सकता हूँ। युवा सपने देखें,साहस, धैर्य रखें और कार्य करते हुए आगे बढें तो हमारा देश फिर से विश्वगुरु बन जायेगा।”
सूचना स्रोत
डॉ शैलेन्द्र मौर्य
पाठ्य उन्नयन और विस्तार
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