💔 **आज एक बेबाक आवाज़ खो गई…**
नहीं रहा वो इंसान,
जो निडर होकर अपनी बात कहता था,
जो प्रबंधन शिक्षा के क्षेत्र में अपने ज्ञान से पीढ़ियों को दिशा देता था।
जो विचारों में स्पष्ट, उद्देश्य में अडिग और चरित्र में सच्चा था।
राजनीति में व्याप्त भ्रष्टाचार और अपराध की जड़ों को चुनौती देने के लिए
जिसने ADR जैसी संस्था की नींव रखी,
जिसने लोकतंत्र में पारदर्शिता लाने की खातिर
चुनावी बांड के खिलाफ ऐतिहासिक PIL दायर की
और जिस पर मिली जीत आज भी
भारतीय लोकतंत्र की अमिट उपलब्धि के रूप में याद की जाती है
वो थे प्रोफेसर जगदीप छोकर।
उनका अचानक जाना
सिर्फ एक विद्वान का नहीं,
लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रहरी का जाना है।
उनकी निडरता, उनकी ईमानदारी, उनका संकल्प –
हम सबके लिए प्रेरणा रहेगा।
🙏
विनम्र नमन उस महापुरुष को,
जिसने सत्ता के सामने सच की मशाल जलाए रखी।
आपकी आवाज़, आपका योगदान,
हमारे लोकतंत्र
की धड़कन बना रहेगा।
👏👏👏
समाजशास्त्री प्रो. राकेश राणा का सान्निध्य
नहीं रहे लोकतंत्र के प्रहरी जगदीप छोकर साहब…
शत् शत् नमन
नीचे दिया सारांश लगभग दो वर्ष पहले लिए गए इंटरव्यू का है जो अपने समाज के वरिष्ठ चिंतक और पत्रकार बड़े भाई राजीव जी के सानिध्य में प्रोफेसर जगदीप छोकर साहब की प्रेरणादायक जीवन यात्रा और सामाजिक-राजनीतिक अनुभवों पर उनके निज निवास पर साउथ दिल्ली मे किया गया! इसमें आई.आई.एम. के प्रोफेसर श्री जगदीप छोकर की शिक्षा, नौकरी और संघर्षों पर विस्तार से बात हुई है!
वीडियो का लिंक
छोकर जी ने रेल विभाग, विदेश में शिक्षण, और कानून के क्षेत्र में काम किया। उन्होंने बताया कि किस प्रकार संयोग और कड़ी मेहनत ने उनके करियर को आकार दिया। वीडियो में सामाजिक और राजनीतिक डेमोक्रेसी, लोकतांत्रिक मूल्यों, और भारत में लोकतंत्र की वर्तमान स्थिति पर भी चर्चा होती है। उनका मानना है कि लोकतंत्र केवल कानून या सरकार का नाम नहीं है, बल्कि यह हर नागरिक की भागीदारी और जागरूकता से ही संभव है। डेमोक्रेसी के कमजोर पक्षों, राजनीतिक अपराधीकरण, और समाज में बदलाव की आवश्यकता पर भी उन्होंने हमेशा चिंता की है। छोकर साहब का जाना सिविल सोसाइटी के लिए तो एक बड़ा शून्य है ही, हमारे देश और राष्ट्र की गंभीर क्षति है! गुर्जर समुदाय के लिए अपूरणीय क्षति है….. छोकर साहब ने जिन नैतिक और राजनैतिक मूल्यों के लिए जीवन भर संघर्ष किया, उनके लिए उन्हें ये देश और समाज ही नहीं पूरी दुनिया याद करेगी…!
जगदीप एस. छोकर (जन्म 1944), आई.आई.एम. अहमदाबाद से सेवानिवृत्त प्रोफेसर और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) के संस्थापकों, ट्रस्टियों और मार्गदर्शक में से एक, आज सुबह दिवंगत हो गए।
छोकर साहब इस उम्र में जिस शिद्दत से हमारे लोकतंत्र को बचाने में लगे हुए थे वह अप्रतिम है। उनके जैसा कमिटेड इंसान होना बहुत कठिन है। अगर देश की चुनाव व्यवस्था में ज़रा भी सुधार होता है, पारदर्शिता आती है और जवाबदेही तय होती है तो निःसंदेह उनके परिश्रमपूर्ण योगदान को ही उसका श्रेय जायेगा। पार्टी पॉलिटिक्स से बहुत ऊपर लेकिन लोकतंत्र बचाने में लगे इस पुरोधा को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित है।
🙏🙏🙏🙏
छोकर सर से हुई बातचीत की वीडियो का
सारांश
यह वीडियो एक प्रेरणादायक जीवन यात्रा और सामाजिक-राजनीतिक अनुभवों पर आधारित है। इसमें आई.आई.एम. के प्रोफेसर श्री जगदीप छोकर जी की शिक्षा, नौकरी और संघर्षों का वर्णन है और इसमें वार्ताकार हैं एम.एम.एच. कॉलेज गाजियाबाद में समाजशास्त्र के प्रोफेसर डॉ. राकेश राणा जी। छोकर जी ने रेल विभाग, विदेश में शिक्षण, और कानून के क्षेत्र में काम किया। उन्होंने बताया कि किस प्रकार संयोग और कड़ी मेहनत ने उनके करियर को आकार दिया। वीडियो में सामाजिक और राजनीतिक डेमोक्रेसी, लोकतांत्रिक मूल्यों, और भारत में लोकतंत्र की वर्तमान स्थिति पर भी चर्चा होती है। व्यक्ति का मानना है कि लोकतंत्र केवल कानून या सरकार का नाम नहीं है, बल्कि यह हर नागरिक की भागीदारी और जागरूकता से ही संभव है। डेमोक्रेसी के कमजोर पक्षों, राजनीतिक अपराधीकरण, और समाज में बदलाव की आवश्यकता पर भी विचार किया गया है। वीडियो में शिक्षा, अनुभव, और सामाजिक मुद्दों को जोड़ते हुए यह संदेश दिया गया है कि असफलताओं और सामाजिक बाधाओं के बीच भी निरंतर विकास और नवाचार जरूरी है।
मुख्य बिंदु
– 🎓 शिक्षा और अनुभवों का मिश्रण, जो जीवन में विभिन्न क्षेत्रों में काम आने वाले रहे।
– 🌏 विदेश में अध्यापन तथा प्रबंधन विज्ञान का अनुभव।
– ☯ किस्मत और संयोग ने जीवन की दिशा बनाई।
– 🤝 परिवार और सामाजिक परिवेश का प्रभाव।
– ⚖️ राजनीति और लोकतंत्र की जटिलताएं, और लोकतंत्र का सच्चा अर्थ।
– 📉 भारत में डेमोक्रेसी की चुनौतियां और राजनीतिक अपराधीकरण।
– 🔄 निरंतर सीखने, बदलाव और नवीनता की आवश्यकता।
मुख्य अंतर्दृष्टियाँ
– 🌟 **किस्मत और अवसर:** इस व्यक्ति के जीवन में किस्मत और मौके का बड़ा योगदान था। कई बार सोच-समझकर नहीं, बल्कि अवसर आने पर उसे अपनाकर सफलता मिली। यह दर्शाता है कि जीवन में अनपेक्षित रास्ते भी ऊंचाइयों तक ले जा सकते हैं।
– 📚 **शिक्षा का महत्व और बहुआयामी अनुभव:** विदेश में पढ़ाई, मैनेजमेंट, और अध्यापन का मिश्रण व्यक्ति को बहुस्तरीय अनुभव देता है, जो न केवल पर्सनल बल्कि सामाजिक रूप से भी प्रभावशाली होता है। शिक्षा जीवन का मूल आधार है, लेकिन उसको अलग-अलग संदर्भों में आत्मसात करना महत्वपूर्ण है।
– 🏛️ **लोकतंत्र की वास्तविकता:** वीडियो में लोकतंत्र को केवल चुनाव या सरकार से जोड़ने की बजाय इसे नागरिकों की भागीदारी और उनकी जागरूकता से जोड़ा गया है। राजनीति में भ्रष्टाचार और अपराधीकरण के बावजूद, लोकतंत्र का सशक्तिकरण जरूरी है।
– 🔍 **सामाजिक चेतना और अधिकारों का ज्ञान:** नागरिकों को अपने अधिकारों और जिम्मेदारियों के बारे में जागरूक होना चाहिए। यदि नागरिक यह महसूस करें कि उनकी आवाज़ का प्रभाव है तब ही लोकतंत्र सफल होगा।
– ⚠️ **राजनीतिक पार्टी और लोकतंत्र:** भारत में राजनीतिक दलों की लोकतांत्रिक प्रक्रिया कमजोर होने से लोकतंत्र की जड़ें कमजोर हो रही हैं। पार्टी स्तर पर पारदर्शिता और जवाबदेही न होने से आम जनता का लोकतंत्र में विश्वास कम होता है।
– 🔄 **नवाचार और विकास की जरूरत:** दुनिया तेजी से बदल रही है, इसलिए लगातार नए आइडियाज अपनाने और खुद को अपडेट करने की आवश्यकता है। पुराने तरीकों पर निर्भर रहना व्यक्ति एवं समाज दोनों के लिए नुकसानीदायक हो सकता है।
– 🌍 **वैश्विक लोकतांत्रिक परिदृश्य:** भारत सहित कई देशों में लोकतंत्र संकट में है, लेकिन यह भी समझा जाना चाहिए कि हर देश की परिस्थितियां भिन्न हैं और लोकतंत्र विभिन्न रूपों में अपनाया जाता है।
यह वीडियो न केवल एक व्यक्ति के संघर्ष और सफलताओं की कहानी है, बल्कि समकालीन समाज और राजनीति की गहरी समझ विकसित करने में भी मदद करता है। यह हमें सोचने पर मजबूर करता है कि लोकतंत्र को केवल सत्ता परिवर्तन के रूप में नहीं, बल्कि जनचेतना और सक्रियता के रूप में देखना चाहिए।
सूचना स्रोत
उनके फोन से प्राप्त
पाठ्य विस्तार
प्रस्तुति