चिरकालिक स्मृति
लोकतंत्र और चुनावी शुचिता के सबसे बड़े पैरोकार, एडीआर (एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स) के संस्थापक और आईआईएम अहमदाबाद के पूर्व प्रोफेसर जगदीप एस. छोकर का आज सुबह निधन हो गया। यह समाचार न केवल शिक्षा और राजनीति के क्षेत्र के लिए, बल्कि पूरे समाज के लिए एक अपूरणीय क्षति है। उन्होंने अपने जीवन में पारदर्शिता, जवाबदेही और जनहित के लिए जो संघर्ष किया, वह भारतीय लोकतंत्र को एक नई दिशा देने वाला साबित हुआ। चुनावी सुधारों, राजनीतिक वित्तीय पारदर्शिता, और मतदाता जागरूकता के लिए उनके प्रयास आने वाली पीढ़ियों तक प्रेरणा का स्रोत बने रहेंगे।
परंतु उनके व्यक्तित्व की महानता केवल उनके विचारों, आंदोलनों या सार्वजनिक जीवन तक सीमित नहीं रही। जीवन के अंतिम क्षणों में भी उन्होंने समाज के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को एक अनूठे और उच्चतम स्वरूप में व्यक्त किया। उन्होंने अपने मृत्योपरांत देहदान का संकल्प लिया—एक ऐसा निर्णय जो जीवन से परे जाकर सेवा की भावना को चरितार्थ करता है। देहदान केवल एक चिकित्सा प्रक्रिया नहीं, बल्कि मानवता की सेवा का सर्वोच्च रूप है। यह निर्णय उस दृष्टिकोण का प्रतीक है जिसमें व्यक्ति अपने शरीर तक को ज्ञान, चिकित्सा और समाज के हित में समर्पित कर देता है।
देहदान का महत्व इसलिए भी अत्यंत गहरा है क्योंकि यह जीवन की अस्थायीता और शरीर की सीमाओं से परे जाकर किसी बड़े उद्देश्य से जुड़ने की प्रेरणा देता है। प्रोफेसर जगदीप एस. छोकर ने यह संदेश दिया कि सेवा केवल शब्दों में नहीं, बल्कि कर्मों में प्रकट होती है। उन्होंने यह दिखाया कि एक सजग नागरिक और समाजसेवी का धर्म जीवनभर चलने वाला संकल्प है—चाहे वह लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए संघर्ष हो या मृत्यु के बाद भी मानव कल्याण का योगदान।
उनका यह निर्णय समाज में वैज्ञानिक दृष्टिकोण, मानवता की सेवा और परोपकार की चेतना को जागृत करने वाला है। देहदान के माध्यम से वे भविष्य के चिकित्सकों, शोधकर्ताओं और मानवता की भलाई के लिए अपना योगदान देना चाहते थे। यह उनके व्यक्तित्व की वही ऊँचाई है जिसने उन्हें जीवन में मार्गदर्शक और मृत्यु के बाद भी समाज का प्रेरक बनाकर स्थापित किया।
आज जब हम उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हैं, तो साथ ही हमें उनके इस महान संकल्प से भी प्रेरणा लेनी चाहिए। उनकी विरासत केवल चुनावी सुधारों या शिक्षण संस्थानों में नहीं, बल्कि प्रत्येक नागरिक के मन में एक आदर्श रूप में जीवित रहेगी—कि सेवा का अर्थ केवल उपलब्धियों में नहीं, बल्कि समाज के लिए अपने अस्तित्व को समर्पित करने में है।
प्रोफेसर जगदीप एस. छोकर का देहदान हमें यह सिखाता है कि महानता पद, प्रतिष्ठा या उपलब्धियों से नहीं, बल्कि निःस्वार्थ सेवा, वैज्ञानिक दृष्टिकोण और मानव कल्याण के लिए किए गए संकल्प से परिभाषित होती है। उनके जीवन और देहदान दोनों का सम्मान करते हुए हम उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं और समाज में सेवा की वही भावना जागृत रखने का संकल्प लेते हैं।

श्रद्धा सुमन
शोक संदेश – श्री भगवान दास मंजीत (सहारनपुर)
“भारत ने आज एक ऐसा व्यक्तित्व खो दिया है, जिसने ज्ञान, अनुशासन और सेवा के माध्यम से समाज को दिशा दी। प्रोफेसर जगदीप सिंह छोकर का निधन मेरे लिए व्यक्तिगत क्षति है। वे केवल शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट मार्गदर्शक नहीं थे, बल्कि सत्यनिष्ठा और समाज के प्रति समर्पण का जीवंत उदाहरण थे।
भारतीय प्रबंधन संस्थान अहमदाबाद में उनकी उपस्थिति ने अनगिनत विद्यार्थियों को प्रेरणा दी। चुनावों में पारदर्शिता लाने का उनका प्रयास और इलेक्ट्रॉल बॉन्ड्स जैसे मुद्दों को उजागर करना लोकतंत्र को मजबूत बनाने का ऐतिहासिक कार्य है।
साथ ही, प्रकृति और पक्षियों के प्रति उनका प्रेम हमें यह याद दिलाता है कि जीवन का सौंदर्य केवल ज्ञान में नहीं, बल्कि संवेदनशीलता में भी निहित है।
ईश्वर उन्हें अपने चरणों में स्थान दे और हमें उनकी शिक्षाओं पर चलने की शक्ति प्रदान करे।
भावपूर्ण श्रद्धांजलि।”
शोक संदेश – समाज विकास अनुसंधान सभा
“समाज विकास अनुसंधान सभा प्रोफेसर जगदीप सिंह छोकर के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करती है। उन्होंने न केवल एक शिक्षाविद् के रूप में अपने ज्ञान का प्रकाश फैलाया, बल्कि लोकतंत्र की मजबूती के लिए संघर्षरत राहों को रोशन किया।
एडीआर के माध्यम से उन्होंने चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता, जवाबदेही और जनहित की आवाज़ को मुखर किया। चुनावी बांड्स पर उनकी पहल देश में जागरूकता की मिसाल बनी।
उनकी वैज्ञानिक दृष्टि, पक्षी विज्ञान में रुचि और पर्यावरण के प्रति उनका अनुराग उन्हें सामान्य शिक्षकों से अलग बनाता है।
उनकी समाज सेवा की भावना प्रेरणा का स्रोत बनी रहेगी। हम उनके योगदान को नमन करते हैं और उनके आदर्शों को अपनाकर समाज की प्रगति के लिए कार्यरत रहने का संकल्प दोहराते हैं।
ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति दे।”
शोक संदेश – श्री शेषराज पंवार (सहारनपुर)
“एक उच्चस्तरीय शिक्षा प्राप्त प्रकृति प्रेमी 80 वर्ष आयु में संविधान की रक्षा के लिए संघर्षशील व्यक्ति का हमारे बीच से जाना समाज के लिए ही नहीं हमारे देश के लिए बड़ा आघात है। उनके द्वारा किए गए कार्यों का कुछ पंक्तियों में वर्णन करना संभव नही है। भारतीय प्रबंधन संस्थान अहमदाबाद में प्रोफेसर और डीन रहे जगदीप छोकर साहब गत पच्चीस वर्षों से चुनाव प्रणाली में इतने सुधार करा गए कि उनको और उनकी संस्था ADR को शताब्दियों तक याद रक्खा जाएगा। अभी उनकी इलेक्टोरल बॉन्ड पर हुई जीत आधी अधूरी है निकट भविष्य में यह भ्रष्टाचार और उजागर होगा। भारत के लोकतंत्र की रक्षा के लिए उनके प्रयास भविष्य में मील के पत्थर सिद्ध होंगे। समय बलवान है कुछ दिन और हमारे बीच रहते तो हमारा और भला होता। उन्होंने अपना शरीर भी मानव हित में समर्पित कर दिया है इसलिए अंतिम संस्कार आम आदमी की तरह नहीं होगा। व्यथित हृदय से आदरांजली।”
शोक संदेश – अशोक वर्मा (Retd. PCS, Noida)
“Extremely sad on the passing away of Sh. Jagdeep Chokar.
Sh. Jagdeep Chokar founder of ASSOCIATION OF DEMOCRATIC REFORMS was earlier a professor at IIM Ahmedabad. He was a very learned man his contribution to save the democratic institutions of India can never be forgotten. May his soul rest in peace.”
शोक संदेश – डॉ. राकेश राणा (साहिबाबाद)
श्री जगदीप छोकर को विनम्र श्रद्धांजलि।
उन्होंने अपने जीवन में न केवल समाज के लिए कार्य करते हुए आदर्श स्थापित किए, बल्कि अपने अंतिम निर्णय से भी मानवता के प्रति अपनी संवेदनशीलता और दूरदृष्टि का प्रमाण दिया। देहदान जैसे महान संकल्प द्वारा उन्होंने यह संदेश दिया कि सेवा का मार्ग मृत्यु के बाद भी समाप्त नहीं होता।
उनका यह आत्मीय और प्रेरक निर्णय असंख्य लोगों को जागरूक करेगा, उन्हें प्रेरणा देगा कि जीवन का मूल्य केवल अपने लिए नहीं, बल्कि समाज और आने वाली पीढ़ियों के लिए भी है। उनके द्वारा दिया गया यह अमूल्य दान मानव कल्याण की राह में प्रकाश पुंज बनकर रहेगा।
हम उनके प्रति गहरी कृतज्ञता व्यक्त करते हैं। उनके विचार, उनका जीवन और उनकी यह महान पहल हमें करुणा, सेवा और निःस्वार्थ समर्पण का संदेश देते रहेंगे।
ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें।
श्रद्धा सुमन।
शोक संदेश – श्री मोहनलाल वर्मा (जयपुर)
✍️ लोकतंत्र के प्रहरी प्रोफेसर जगदीप छोकर का निधन भारत राष्ट्र की अपूरणीय क्षति ✍️
“सृष्टि रचयिता महापुरुषों को किसी विशेष कार्य के लिए पृथ्वी पर भेजता है। ऐसी ही महान विभूति प्रोफेसर जगदीप छोकर भारतवर्ष की लोकतांत्रिक व्यवस्था में आने वाली पीढ़ियों के लिए एक मार्गदर्शक के रूप में स्मरण किए जाएंगे।
राजस्थान गुर्जर महासभा के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष एवं प्रदेश वरिष्ठ नागरिक समिति के महामंत्री मोहनलाल वर्मा ने जगदीप छोकर के निधन को राष्ट्र की अपूरणीय क्षति बताया है लोकतंत्र के प्रहरी जगदीप छोकर ने जीवन पर्यंत रेलवे विभाग में अपनी सेवाएं देते हुऐ उन्होंने विदेश में शिक्षा और कानून के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने चलकर दिखाया कि राजनीतिक जीवन में लोकतंत्र मानवीय जीवन मूल्य आधारित होना चाहिए। लोकतंत्र की सफलता देश के प्रत्येक नागरिक की भागीदारी पर ही संभव है। आई आई एम के प्रोफेसर रहे छोकर साहब ने अपनी देहदान करके भी यह सिद्ध किया है कि वह अपने जीवन मूल्यों के साथ हमेशा हमारे बीच में रहेंगे।
जीवन पर्यंत राजनीति में स्वस्थ जीवन मूल्यों को लेकर वे कार्य करते रहे, जनता की ओर से न्यायालय में भी उन्होंने स्वस्थ परंपराओं की स्थापना के लिए कानूनी लड़ाई लड़ी।
राजस्थान गुर्जर महासभा के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष मोहनलाल वर्मा, महामंत्री शैतान सिंह गुर्जर, प्रदेश अध्यक्ष कालू लाल गुर्जर (पूर्व मंत्री राजस्थान सरकार) ने उनके निधन को अपूरणीय क्षति बताते हुए दिवंगत आत्मा को अपने चरणों में स्थान प्रदान करने की परमपिता परमात्मा से प्रार्थना करते हुए उनके शोक संतप्त परिवार को इस दुखद घड़ी में उनके अभाव को सहन करने की सामर्थ्य प्रदान करने की प्रार्थना की है।”
शोक संदेश – जगदीश ठेकेदार (मेरठ)
“गहरे दुःख और श्रद्धा के साथ हम श्री जगदीप छोकर को स्मरण करते हैं। वे केवल एक प्रखर प्रबंधन विशेषज्ञ, शिक्षाविद् और लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रहरी ही नहीं थे, बल्कि समाज की भलाई के लिए अपने जीवन को समर्पित करने वाले एक अद्वितीय व्यक्तित्व भी थे।
डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स, पारदर्शिता, चुनावी सुधारों से लेकर देहदान जैसे मानवीय कार्यों तक – हर क्षेत्र में उन्होंने पवित्रता, शुचिता और निःस्वार्थ सेवा का परिचय दिया। उनकी नीतिगत स्पष्टता, नैतिक साहस और समाज के प्रति गहरा उत्तरदायित्व आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बने रहेंगे।
श्री जगदीप छोकर का असामयिक निधन एक अपूरणीय क्षति है। उनके विचार, उनके संघर्ष और उनके सेवा भाव की ज्वाला हमें सदैव मार्गदर्शन देती रहेगी। हम उनके परिवार, सहकर्मियों और सभी शुभचिंतकों के प्रति गहरी संवेदनाएँ व्यक्त करते हैं और उनकी पुण्य स्मृति को नमन करते हैं।
ॐ शान्तिः।”
शोक संदेश – वीरेंद्र कुमार (अध्यक्ष, गुर्जर सभा, मेरठ)
गुर्जर सभा मेरठ, एसोसियेशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म (ADR) के संस्थापक सदस्य एवं चुनाव सुधारक व भारतीय प्रबंधन संस्थान अहमदाबाद में प्रोफेसर, डीन व प्रभारी निदेशक रहे श्री जगदीप एस छोकर जी के आकस्मिक निधन पर गहरा दु:ख व्यक्त करती है।
गुर्जर सभा, मेरठ ईश्वर से कामना करती है कि दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करे एवं अपने श्रीचरणों में स्थान दे तथा परिवार सदस्यों को इस दु:ख को सहन काने की शक्ति प्रदान करे।
गुर्जर सभा मेरठ इस दु:ख की घड़ी में परिवार की सहभागी है।
शोक संदेश – विजेंद्र कसाना (एडवोकेट, सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया, गाजियाबाद)
भारत के पहले स्वतंत्रता संग्राम यानि 1857 की क्रांति से लेकर 1947 में मुल्क के आजाद होने तक हमने अपनी लोकतांत्रिक सरकार कायम करने के लिए लाखों कुर्बानियां दीं। कालांतर में हमारी सरकारें भी बनीं और राजनीति में गिरावट भी आई। यह गिरावट 1947 से ही शुरू हो चुकी थी। आजादी पे ही सवाल उठने शुरू हो गए थे और एक शायर ने लिखा
“याद करो सन छियालिस की बातें,
जब काले गोरे बनियों में होती थी सौदे की बातें”
सुना है नेहरू जी ने इस शायर को जेल की हवा खिला दी थी। ये ही सौदे की बातें आज तक हो रही हैं और जनमानस में यह विचार उठने लगे कि इस राजनीति में आई गिरावट में सुधार हो।इसकी पहली झलक टी.एन. शेषन साहब में देखने को मिली। फिर जनता दल के अरुण श्रीवास्तव जी ने एक मुहिम चुनाव रिफॉर्म के लिए शुरू की और इसी दौरान पाया गया संसद के चुनाव का एक संसदीय क्षेत्र का खर्च पाँच करोड़ से दो सौ करोड़ तक होने लगा यानि लोकतंत्र खतरे में आ गया। इसी बीच एक घटना और घटी भाजपा इलेक्टोरल बॉन्ड ले आई जिसमें सत्ता पक्ष को हजारों करोड़ उद्योगपतियों से आने लगा। जनमानस इसको बारीकी से देख रहा था तभी एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म (ADR) मैदान में कूद गई। कुछ समाज के प्रतिष्ठित और काबिल जिम्मेदार लोगों ने इसका गठन किया। उन्हीं संस्थापकों में बहुत ही बड़े शिक्षाविद और सच्चे कार्यकर्ता प्रोफेसर जगदीप छोकर साहब भी थे। इस संस्था ने पूरे मुल्क में जब खलबली मचा दी जब इस संस्था ने माननीय सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका इलेक्टोरल बॉन्ड के खिलाफ लगा दी और तत्कालीन चंद्रचूड़ साहब ने उस पर फैसला सुना दिया। पूरे मुल्क के उस दिन चर्चा हुई मेरा भी एक साक्षात्कार उस मुद्दे पे हुआ जो बहुत ही हिट हुआ और कुछ ही दिन में लाखों लोगों द्वारा देखा गया।
जगदीप छोकर हरियाणा के पानीपत जिले के पट्टी कल्याण गांव में जन्मे और छोटे से गांव से चलकर देश के सबसे प्रतिष्ठित AIIM के प्रोफेसर बने और जीवन भर आम नागरिक के हित में सच्चाई और ईमानदारी से काम करते रहे। आज 12 दिसंबर 2025 को 4 बजे 81 साल की उम्र में दिल्ली में उनका निधन हो गया। आज एक सच्चा भारत माता का सपूत जो लोकतंत्र का सच्चा प्रहरी था और लोकतंत्र को मजबूत और गरिमामई बनाने में उन्होंने पूरा जीवन लगा दिया। हम उनको विनम्र श्रद्धांजलि पेश करते हैं और उम्मीद करते हैं जिम्मेदार नागरिक इस मुहिम को जारी रखेंगे।
शोक संदेश – डॉ सूरज सिंह नेगी (SDM, राजस्थान शासन)
“प्रोफेसर जगदीश सिंह छोकर जी का जीवन सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत रहेगा।
युवा पीढ़ी को इनके जीवन से सीख लेने की जरूरत है!
दिवंगत आत्मा को शत शत नमन।”
शोक संदेश – राजीव (उलझन सुलझन) की अनुभूति
कैसे भुला सकता हूँ…
कैसे मैं भुला सकता हूँ उन एहसासों को, जो मेरे मन में सजीव हैं—जब श्री जगदीप जी ने खुले मन से मेरे प्रयासों को सराहा, उन्हें दिशा दी और ‘उलझन सुलझन’ को एक मुकाम तक पहुँचाने के लिए मेरे साथ खड़े हुए।
कैसे भूलूँ वह समय, जब उन्होंने बिना किसी स्वार्थ, बिना किसी अपेक्षा के मुझे टिप्स दिए—कैसे अपनी दूरदर्शिता से प्रबंधन के वे गुर बताए, जो आज मेरे लिए रास्ता दिखाने वाली रोशनी बन गए हैं।
उन्होंने न केवल मुझे राह दिखाई, बल्कि विश्वास भी दिया कि सही इरादे और सतत प्रयास किसी भी कठिन राह को आसान बना सकते हैं।
उन्होंने यह समझाया कि कार्य तभी सार्थक होता है जब उसमें न लोभ हो, न दिखावा—सच्ची निष्ठा, ईमानदारी और सेवा भाव ही उसे फलदायी बनाते हैं।
कैसे भूल सकता हूँ वह क्षण, जब हमारे साक्षात्कारों की श्रृंखला में अपना सबसे पहला साक्षात्कार देकर उन्होंने हमारा हौसला बढ़ाया। उनका यह अपनापन और विश्वास मेरे लिए किसी पुरस्कार से कम नहीं। उनकी प्रेरणा ने मेरे भीतर न केवल आत्मविश्वास भरा, बल्कि यह एहसास भी दिलाया कि बड़े व्यक्तित्व वही हैं जो छोटे प्रयासों को भी बड़े उद्देश्य में बदल दें।
आज जब पीछे मुड़कर देखता हूँ तो समझ आता है कि उन्होंने केवल मार्गदर्शन नहीं दिया—उन्होंने मेरे भीतर छिपे संकोच को तोड़ा, मेरी दृष्टि को विस्तार दिया और मुझे अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर होने का साहस प्रदान किया।
उनकी स्मृति मेरे लिए प्रेरणा का स्रोत है। मैं उनके योगदान को कभी नहीं भूल सकता—उनकी विनम्रता, उनकी उदारता, उनका सहयोग और उनकी जीवन दृष्टि मेरे लिए अमूल्य उपहार हैं।
दिनांक – 12/9/2025
शोक संदेश – चौधरी रघुनाथ सिंह (सेवानिवृत्त दूरदर्शन)
श्री जगदीप छोकर जी के निधन का समाचार अत्यंत दुःख और वेदना का विषय है। वे एक दूरदर्शी व्यक्तित्व, नैतिकता के प्रतीक और समाज के लिए समर्पित कर्मयोगी थे। लोकतांत्रिक सुधारों से लेकर मानवता से जुड़ी सेवाओं तक उन्होंने जिस निष्ठा, पारदर्शिता और ईमानदारी से कार्य किया, वह प्रेरणा देने वाला है।
विशेष रूप से देहदान जैसे महादान का उनका निर्णय मानवता की सेवा में उनके विश्वास और संवेदनशीलता का उज्ज्वल उदाहरण है। उनका जीवन हमें यह सिखाता है कि सेवा केवल शब्दों से नहीं, बल्कि कर्म से होती है।
मैं, चौधरी रघुनाथ सिंह, दूरदर्शन पर ‘कृषि दर्शन’ कार्यक्रम के माध्यम से किसानों तक सही जानकारी पहुँचाने के प्रयासों में सक्रिय रहा हूँ। ऐसे में श्री जगदीप छोकर जी का कार्य समाजहित की दिशा में सदैव प्रेरक रहेगा। उनके विचार, उनके संघर्ष और उनकी सेवा भावना को नमन करता हूँ।
ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें और उनके परिजनों तथा सहयोगियों को इस दुःख को सहन करने की शक्ति दें।
शोक संदेश – मुस्तफा चौधरी (पत्रकार)
समाजसेवी और भारत के एक आम नागरिक के नाते मैं श्री जगदीप छोकर जी के निधन पर गहरी शोक संवेदना प्रकट करता हूँ। वे केवल एक प्रबंधन विशेषज्ञ या शिक्षाविद् नहीं थे, बल्कि समाज की भलाई के लिए अपनी ऊर्जा, समय और विचार समर्पित करने वाले सच्चे सेवक थे।
उनकी सादगी, ईमानदारी और पारदर्शिता ने उन्हें आम लोगों के बीच एक विश्वास का प्रतीक बनाया। लोकतंत्र की मजबूती, जनहित की लड़ाई और मानवता के लिए उनके प्रयास हर नागरिक के लिए प्रेरणा स्रोत हैं। विशेष रूप से देहदान जैसे महादान द्वारा उन्होंने यह संदेश दिया कि सेवा केवल जीवित रहने तक सीमित नहीं, बल्कि मृत्यु के बाद भी समाज के लिए योगदान का अवसर है।
मैं उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त करता हूँ। उनके विचारों और कार्यों से प्रेरित होकर हम सब भी समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने का प्रयास करें, यही उनकी सच्ची स्मृति होगी।
ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति दें और उनके आदर्शों को जीवित रखने की शक्ति हम सभी को प्रदान करें।
श्रद्धा सुमन।
शोक संदेश – बलबीर सिंह तोमर (पत्रकार)
जगदीप छोकर जी के निधन से मैं अत्यंत व्यथित हूँ। एक पत्रकार के रूप में मैंने उन्हें न केवल बौद्धिक दृढ़ता और विश्लेषण की स्पष्टता के लिए जाना, बल्कि उनके विचारों में समाहित नैतिकता, पारदर्शिता और समाज के प्रति समर्पण के लिए भी आदर किया।
उन्होंने प्रबंधन शिक्षा को नयी दिशा दी, लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए संघर्ष किया और सार्वजनिक जीवन में सत्य व जवाबदेही की मशाल जलाए रखी। इसके साथ ही, देहदान जैसे मानवीय संकल्प से उन्होंने यह दिखाया कि सेवा जीवन की सीमाओं से परे भी संभव है।
उनकी जिजीविषा, सरलता और प्रतिबद्धता आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनकर रहेगी। व्यक्तिगत रूप से उनके विचारों ने मेरे पत्रकारिता जीवन को गहराई दी है। मैं उन्हें श्रद्धा के साथ नमन करता हूँ और उनकी स्मृति को अपने शब्दों में सहेजते हुए समाज के प्रति उनकी दृष्टि को आगे बढ़ाने का संकल्प लेता हूँ।
ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें।
श्रद्धांजलि।
शोक संदेश – इशाम सिंह छोकर (पूर्व एसडीओ, बीएसएनल, ग्राम नारायण समालखा पानीपत हरियाणा, मोबाइल 9416037400)
मुझे जैसे ही यह सूचना मिली की आदरणीय जगदीप छोकर साहब नहीं रहे मेरे दिल में एक अजीब सी बेचैनी पैदा हुई सिर्फ सुनने मात्र से और मुझे महसूस हुआ की इतना कर्मठ आदमी जिसने लोकतंत्र को बचाने के लिए क्या-क्या नहीं किया जो अपने निजी स्वार्थ से ऊपर उठकर विभिन्न राजनीतिक पार्टियों से जनता की लड़ाई लड़ते रहे लोकतंत्र में पारदर्शिता लाने के लिए उन्होंने ADR नाम की संस्था को खड़ा कर भारतीय चुनाव आयोग को बार-बार ललकारा और आम लोगों की आवाज एक वोटर की आवाज की पीड़ा को माननीय सुप्रीम कोर्ट और चुनाव आयोग के सामने सैकड़ो बार रखा और लोगों के हित के लिए नए-नए बदलाव मौजूदा कानून में करवाए मेरा उनसे जीवन में एक बार ही मिलना हुआ हमने अपने हलके अपने क्षेत्र की बहुत सारी पुरानी बातों को याद करके उनके साथ यादें साझा कि मुझे गर्व है कि ऐसी महान शख्सियत मेरे क्षेत्र में पैदा हुई जिसने हमारे गोत्र और हमारी जाति को उस सत्र पर जाना दिया जहां आज तक कोई छोकर गोत्र का गुर्जर नहीं पहुंच पाया।
दिल से श्रद्धांजलि।
शोक संदेश – डॉ. महिपाल (Indian Economic Service, Retd.)
Rajiv ji
In the guise of Professor Chhokar there was a great soul who did super service to nation for its democracy. His actions were aimed to depending democracy at micro, meso and macro levels.His Organistion ADR which he was instrumental in seeing the light quite sometime before has been tourch bearer to nation. His internal strength enabled him to fight the devil in the form of diarchy. I have been benefited a lot from his work in my study of grassroots democracy,planning and development. His demise is great loss to me also.
I pray Almighty for granting permanent abode for him in His abode.
शोक संदेश – हंसराज हंस (टोंक राजस्थान 🙏🙏)
आईआईएम शिक्षण संस्थान अहमदाबाद के प्रोफेसर श्रीयुत जगदीप सिंह छोकर जी का अचानक इस तरह चले जाना। बहुत क्षुब्ध करने वाली घटना है। आपको लोकतंत्र के सजग प्रहरी के रूप में हमेशा याद किया जाएगा।
भावपूर्ण श्रद्धांजलि।
शोक संदेश – ओमप्रकाश (सेवानिवृत्त उच्चाधिकारी, केंद्रीय पर्यावरण विभाग)
शतः शतः नमन एवं विनम्रतापूर्वक श्रद्धांजलि स्व. डा. जगदीप छोकर के आकस्मिक निधन पर।
देश ने एक महान व्यक्ति ही नही खोया अपितु एक ऐसा हीरा खो दिया जैसे व्यक्ति कभी-कभी जन्म लेते है। उन्होंने इस देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था को जीवंत रखने के लिए अपने जीवन को न्योछावर कर दिया।
ऊॅ शान्ति शान्ति शान्ति।
शोक संदेश – जगदीश सिंह चपराणा (एक सामाजिक चिंतक)
एक पत्रकार और विचारधारा से जुड़े सजातीय साथी के रूप में मैं श्री जगदीप छोकर जी को श्रद्धा सुमन अर्पित करता हूँ। वे उन विरले व्यक्तित्वों में से थे जिन्होंने बौद्धिक स्पष्टता, नैतिक साहस और सामाजिक प्रतिबद्धता को अपने जीवन का आधार बनाया।
प्रबंधन शिक्षा, लोकतांत्रिक सुधार, पारदर्शिता और जनहित की रक्षा के लिए उनका संघर्ष पत्रकारिता की आत्मा को भी समृद्ध करता रहा। उनके विचारों में न केवल नीति की गहराई थी, बल्कि समाज के हर वर्ग के प्रति संवेदनशीलता और सेवा की भावना भी थी।
देहदान जैसे मानवता से जुड़े निर्णय द्वारा उन्होंने यह दिखाया कि सेवा जीवन की सीमाओं से परे जाकर भी समाज के लिए प्रेरणा बन सकती है। उनके विचारों और व्यक्तित्व ने हमें न केवल पेशेवर रूप से, बल्कि मानवीय स्तर पर भी समृद्ध किया।
उनकी अनुपस्थिति एक बड़ी क्षति है, लेकिन उनके आदर्श हमारे लिए पथप्रदर्शक रहेंगे। मैं उन्हें श्रद्धा पूर्वक नमन करता हूँ और उनके विचारों को आगे बढ़ाने का संकल्प लेता हूँ।
श्रद्धांजलि।
शोक संदेश – मामचंद छोकर (चंडीगढ़)
