✨ प्रकाश का पर्व ✨
एक सकारात्मक संदेश
हर वर्ष हम दशहरा और दीपावली मनाते हैं — विजय और प्रकाश के प्रतीक के रूप में। पर इस बार आइए इन पर्वों को केवल राक्षस-वध या अंधकार-नाश के ध्येय से नहीं, अपितु *जीवन में प्रकाश जगाने* की सुंदर भावना से मनाएं।
दीपक हमें सिखाता है कि दिया, रुई और तेल अकेले प्रकाश उत्पन्न नहीं कर सकते। जब तीनों के मध्य सुंदर तालमेल हो और किसी जलती हुई लौ से संपर्क बने तभी प्रकाश प्रसरित होता है।
उसी प्रकार जीवन में—
* **त्याग**, **सेवा** और **ध्यान**,
* **मन**, **वचन** और **कर्म का सामंजस्य**,
* और किसी **सद्गुरु या दिव्य चेतना से जुड़ाव**,
मिलकर ही वह लौ प्रज्वलित करते हैं जो भीतर का प्रकाश बन जाती है।
दीपावली पर्व अंधकार या नकारात्मकता का स्मरण करने के लिए नहीं, बल्कि अपने भीतर के प्रकाश को पहचानने, प्रेम और करुणा को जगाने तथा आनंदमय जीवन की ओर कदम बढ़ाने का निमंत्रण है। अतः
🌼 **इस दीपावली का संदेश हो —**
सर्वत्र प्रकाश करें, लेकिन दूसरों की कमियों को नहीं, उनके गुणों को देखने के लिए।
दीप जलाएँ, लेकिन घर में ही नहीं, हृदय में भी—जहाँ प्रेम, विश्वास और समर्पण उजाला करते हैं।
खुशियाँ मनाएँ, लेकिन केवल अपनी नहीं, सबके जीवन में रोशनी बाँटते हुए।
आपके जीवन में दीपक की लौ की तरह हमेशा ऊँचाई, शीतलता, समरसता और दिव्यता बनी रहे।
**आपको और आपके परिवार को प्रेम, प्रकाश और आनंद से भरी दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ।**
✨🌟 *शुभ दीपावली!* 🌟✨
