हर वर्ष दीवाली आती है, और! ढेरों खुशियाँ लाती है!
परदेश गये जो प्रिय अपने, बस उनकी याद सताती है!!
हर वर्ष दीवाली………….

याद आती है बचपन की, वो खील-बताशाें की दीवाली!
मेवा और मिठाई सब है, मगर न खुशियाँ पहले वाली!
दौलत सिर्फ दिखावा, खुशियाँ तो अपनों से आती हैं!!
हर वर्ष दीवाली………….
धूमिल सी लगती है दीवाली, रही कहाँ पहले वाली!
छीन ली नीरस झालर ने, दीये की चमक गहने वाली!!
कहते हैं खुशियों की दीवाली, अब प्रदूषण फैलाती है!!!
हर वर्ष दीवाली………….
खुशियाँ धन-दौलत से आएं, कैसी गलतफहमी पाली!
धन-दौलत हो पर ना दिल हो, तो इंसान है लॉकर खाली!!
खुशी मनाए साथ में अपने, तो खुशियाँ बढ जाती हैं!!!
हर वर्ष दीवाली………….
लक्ष्मी माता से करुँ अर्चना, पहले सी हो जाए दीवाली!
सब अपने और सँगी साथी, सँग में हो जब आए दीवाली!!
दिल से दुआ माँग लो तो, कहते हैं पूरी हो जाती है!!!
हर वर्ष दीवाली………….
🙏🙏🙏🙏🙏🙏

🇮🇳🙏रमन ‘सिसौनवी’🙏🇮🇳
आप सभी सम्मानित मित्रों को सपरिवार दीवाली की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं. धन्यवाद व जयहिंद.
प्रस्तुति

