सरदार वल्लभ भाई पटेल

सरदार वल्लभ भाई पटेल

अखंड भारत की एकात्मता के शिल्पी लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल

राष्ट्रीय एकता दिवस पर विशेष लेख

✍️ संपादक देव चेतना, श्री मोहनलाल वर्मा

(मासिक पत्रिका, जयपुर)

भारतीय जनमानस आज स्वतंत्र भारत के नव निर्माण के कुशल शिल्पी, लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल को नमन कर रहा है। 31 अक्तूबर को मनाया जाने वाला राष्ट्रीय एकता दिवस केवल एक स्मरण दिवस नहीं, बल्कि भारत के सांस्कृतिक, सामाजिक और आर्थिक पुनरुत्थान का संकल्प दिवस है।

सरदार पटेल का चिंतन हमें बताता है कि
“राष्ट्र की सच्ची एकता केवल सीमाओं के विलय में नहीं, बल्कि संस्कृतियों, विचारों और मानवीय संबंधों के एकत्व में निहित है। उनका जीवन इस बात का साक्ष्य है कि संगठन, अनुशासन और नैतिकता ही भारत को अखंड और अजेय बना सकते हैं।”

🔶 एकता का प्रतीक और दृढ़ संकल्प का परिचायक

गुजरात के सरदार सरोवर बांध के पास स्थित “स्टेच्यू ऑफ यूनिटी” केवल एक प्रतिमा नहीं, बल्कि राष्ट्रीय समरसता और समर्पण का प्रतीक है। यह हमें स्मरण कराती है कि मतभेदों से ऊपर उठकर ही राष्ट्र निर्माण संभव है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सरदार पटेल की यह स्मृति स्थापित कर भारतीय जनमानस को पुनः उनके आदर्शों से जोड़ने का प्रयास किया गया है।

🔶 वर्तमान भारत के लिए पटेल का मार्गदर्शन

आज का भारत सामाजिक, आर्थिक और सांप्रदायिक चुनौतियों के दौर से गुजर रहा है।
राजनीति का अपराधीकरण, बढ़ता भ्रष्टाचार, धार्मिक कट्टरता और सामाजिक असमानता—ये सब उस राष्ट्रीय एकता को चुनौती दे रहे हैं जिसे पटेल ने अपने संगठन कौशल और त्याग से निर्मित किया था।

ऐसे समय में सरदार पटेल का विचार हमें प्रेरित करता है कि —

“राष्ट्र निर्माण का आधार धर्म या वर्ग नहीं, बल्कि ईमानदार कर्म और राष्ट्रीय चरित्र होना चाहिए।”

आर्थिक लोकतंत्र की स्थापना के लिए हमें उन्हीं के दिखाए मार्ग पर चलकर सनातन नैतिक मूल्यों को पुनर्जीवित करना होगा।

🔶 संगठन, सेवा और समर्पण का पाठ

खेड़ा सत्याग्रह, नागपुर झंडा आंदोलन और बारडोली सत्याग्रह—ये केवल आंदोलनों के नाम नहीं, बल्कि जनशक्ति के संगठन के उदाहरण हैं।
अहमदाबाद नगरपालिका में अंग्रेज अधिकारियों से टकराते हुए पटेल ने जो प्रशासनिक कौशल दिखाया, वह आज के नेताओं के लिए अनुकरणीय है।
500 से अधिक रियासतों का विलय कर उन्होंने राजनीतिक दृष्टि से खंडित भारत को एकीकृत कर एक सशक्त राष्ट्र-राज्य का स्वरूप दिया।

🔶 भुला दी गई विभूति, पर अमर आदर्श

स्वतंत्र भारत के आरंभिक दशकों में उन्हें राजनीतिक रूप से उपेक्षित रखा गया — यह एक ऐतिहासिक दुर्भाग्य था।
सन 1991 में जब उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया, तब जाकर राष्ट्र ने अपने वास्तविक शिल्पी के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की।
यह प्रश्न आज भी प्रासंगिक है कि —

“जिस व्यक्ति ने भारत को एक सूत्र में बाँध दिया, उसे इतने वर्षों तक क्यों भुलाया गया?”

🔶 साहित्य, कला और युवा की भूमिका

राष्ट्र निर्माण केवल राजनीति का कार्य नहीं।
साहित्य, कला, शिक्षा और मीडिया को भी ऐसी दृष्टि अपनानी होगी जो विभाजन नहीं, एकता और सह-अस्तित्व को बढ़ावा दे।
महिला सशक्तिकरण, वरिष्ठ नागरिकों के अनुभवों का सदुपयोग और जागृत युवा शक्ति—ये तीनों मिलकर आत्मनिर्भर भारत का आधार बन सकते हैं।

🔶 समरस भारत का सपना

पटेल का विचार था कि हर नागरिक अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए राष्ट्र की प्रगति में भागीदार बने।
उन्होंने अस्पृश्यता, जातिवाद और सामाजिक असमानता को मिटाने के लिए डॉ. भीमराव अंबेडकर के साथ मिलकर संविधान निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाई।
उनकी यह दृष्टि बताती है कि —

“भारत केवल भौगोलिक इकाई नहीं, बल्कि जीवन-मूल्यों और संस्कृतियों का अखंड परिवार है।”

🔶 आज का संकल्प

राष्ट्रीय एकता दिवस के इस पावन अवसर पर हमें संकल्प लेना चाहिए कि —
हम सरदार पटेल के सपनों के भारत को साकार करने हेतु मन, वचन और कर्म से कार्य करेंगे।
हम सामाजिक विषमताओं, सांप्रदायिकता और भ्रष्टाचार से मुक्त एक न्यायसंगत, आत्मनिर्भर और सांस्कृतिक भारत का निर्माण करेंगे।

जय जय भारत माता।
जय जय अखंड भारत।
मातृभूमि तेरा वैभव अमर रहे।

✳️देव चेतना – संपादकीय दृष्टि

“लौह पुरुष पटेल के विचार हमें यह सिखाते हैं कि भारत की अखंडता केवल सीमाओं में नहीं, बल्कि विचारों की उदारता और कर्म की ईमानदारी में निहित है।”

आज का भारत यदि फिर से उनके आदर्शों को आत्मसात कर ले, तो यह भूमंडलीकरण के युग में आत्मनिर्भर, समरस और शक्तिशाली राष्ट्र के रूप में पुनः प्रतिष्ठित हो सकता है।

✍️लौह पुरुष भारत रत्न सरदार पटेल की 150वीं जयंती

राष्ट्रीय एकता दिवस के अवसर पर राजस्थान गुर्जर महासभा ने जयपुर में अतिरिक्त जिला कलेक्टर विनीता सिंह को तीन सूत्री ज्ञापन सौंपा….✍️

जयपुर 31 अक्टूबर। राजस्थान गुर्जर महासभा जयपुर शहर जिला एवं युवा प्रकोष्ठ के तत्वावधान में भारत रत्न लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वी जयंती के अवसर पर जयपुर कलेक्ट्रेट सर्किल स्थित गार्डन में भारत के तत्कालीन गृहमंत्री एवं उप प्रधानमंत्री सरदार पटेल के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया।

संगोष्ठी की अध्यक्षता राजस्थान गुर्जर महासभा युवा प्रकोष्ठ प्रदेश अध्यक्ष गौरव चपराना द्वारा की गई। संगोष्ठी को संबोधित करते हुए प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष प्रहलाद सिंह अवाना ने कहा कि सरदार पटेल के अधूरे कार्यों को पूरा करने के लिए हमें अखंड भारत निर्माण के लिए भारत में आर्थिक लोकतंत्र की स्थापना के लिए कार्य करना होगा।

सरदार पटेल के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर अपने विचार रखते हुए प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष मोहनलाल वर्मा ने कहा कि

“जिस प्रकार से सरदार पटेल ने भारतवर्ष की देशी रियासतों को एक राष्ट्र का स्वरूप प्रदान किया उसी प्रकार आज हमें सनातन धर्म के विभिन्न घटकों को एक साथ लेकर सामाजिक समरसता के लिए कार्य करने की आवश्यकता है। भारतीय समाज में सामाजिक समरसता एवं अखंड भारत के सांस्कृतिक वैभव को पुनर्स्थापित करने के लिए राष्ट्रीय एकता दिवस के अवसर पर हमें एकजुट होकर कार्य करने का संकल्प लेना होगा। उन्होंने बताया कि आज महासभा द्वारा प्रदेश के 27 जिलों में एमबीसी वर्ग की लंबित मांगों पर राजस्थान सरकार से समाधान चाहने बाबत ज्ञापन प्रस्तुत किया जाएगा।”

एमबीसी वर्ग को संविधान की नवी अनुसूची में सम्मिलित करवाने, आरक्षण आंदोलन के दौरान दर्ज मुकदमों को राजस्थान सरकार द्वारा वापस लेने, सभी भर्तियों में बैकलॉग क्लियर करने, भर्तियों में उत्पन्न विसंगतियों का समाधान करने हेतु राजस्थान गुर्जर महासभा एवं अन्य संगठनों से वार्ता करके राज्य सरकार आरक्षण व्यवस्था के संबंध में उत्पन्न भ्रांतियों का निवारण करें जिससे समाज द्वारा बार-बार आंदोलन करने की नौबत ना आए।

चोपड़ा कमेटी रिपोर्ट के क्रियान्वयन में गठित देवनारायण बोर्ड को पूर्ण स्वायत्तता प्रदान की जावे तथा वित्तीय शक्तियां प्रदान करके एमबीसी वर्ग के लिए सामाजिक, शैक्षणिक, आर्थिक लाभ दिए जाने के लिए सक्षम बनाकर, सरकार द्वारा आवंटित बजट में भी वृद्धि की जाए।

गुर्जर आदि तीर्थ नाग पहाड़ को श्री देवनारायण अतिशय क्षेत्र घोषित करके वहां सवाई भोज, साडू माता, भगवान श्री देवनारायण एवं बाबा रूपनाथ के स्मारक बनाए जाएं।

श्रद्धालुओं के अपने आस्था स्थल पर पहुंचने के लिए सड़क मार्ग बनाये जाने का राज्य सरकार द्वारा तत्काल निर्णय लिया जाए।

संगोष्ठी के प्रारंभ में राजस्थान गुर्जर महासभा महिला प्रकोष्ठ की प्रदेश अध्यक्ष सुनीता गुर्जर ने सरदार पटेल के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर कविता पाठ करके खूब तालियां बटोरी।

संगोष्ठी को युवा प्रकोष्ठ जयपुर शहर जिला अध्यक्ष मुकेश गुर्जर, महासभा के जयपुर शहर जिला अध्यक्ष सरदार सिंह चेची, राजस्थान प्रदेश गुर्जर महासभा अभिभाषक प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष शंकरलाल गुर्जर ने भी संबोधित किया।

संगोष्ठी के पश्चात कलेक्टर सर्कल से रवाना होकर जिलाधीश कार्यालय स्थित सरदार वल्लभ भाई पटेल की मूर्ति पर माल्यार्पण एवं पुष्प वर्षा करके कार्यकर्ताओं द्वारा श्रद्धा सुमन अर्पित किए गए। महासभा के प्रतिनिधिमंडल द्वारा अतिरिक्त जिला कलेक्टर जयपुर विनीता सिंह को राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नाम तीन सूत्री ज्ञापन प्रस्तुत किया गया। जिला कलेक्टर ने प्रतिनिधिमंडल को बताया कि वह अपनी टिप्पणी सहित ज्ञापन मुख्यमंत्री कार्यालय में शीघ्र भिजवा देंगी।

प्रेषक

मोहनलाल वर्मा

प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष

आइडिया 💡 

शब्दशिल्प

पाठ्य उन्नयन और विस्तार व प्रस्तुति

चैट जीपीटी