🪔 दिव्य ऊर्जा स्पंदन 🪔
अंतर्मन, अंतरंग और मनोगत भाव
✍️ मोहन लाल वर्मा, जयपुर
हम जब अपने जीवन में प्राप्त जीवन-शक्ति और दृष्टि से विषयों के संबंध और कारण का पता लगाने का प्रयास करते हैं, तो पाते हैं कि संयोग ही कारण और कार्य दोनों का सार है। यही कारण है कि दार्शनिकों ने जीव और गति को विचार का प्रमुख आधार माना है।
हमारे संबंधों की धारणा इस बात पर निर्भर करती है कि हम विषयों को किस दृष्टि से देखते हैं। जो वस्तु मन से पृथक होकर कारणों से जुड़ी होती है, वही वास्तविक समझ में आती है। परंतु मिथ्या निष्कर्षों को यदि हम उदासीनता से देखें, तो वे हमारे दु:ख का कारण नहीं बनते।
जीवन-शक्ति की दृष्टि से यह अत्यंत दु:खद कल्पना है कि हम उसी चीज़ को पकड़ने की कोशिश करते हैं जो सदा हमसे दूर भागती रहती है। मन की क्रियाओं के आंतरिक कारणों की पूर्ण व्याख्या करना असंभव है, परंतु यदि हम अनुभव और अनुमान के माध्यम से उनका विश्लेषण करें, तो बहुत कुछ स्पष्ट हो जाता है।
विचारों की साधारण गति को देखें — चाहे वह आत्मचिंतन के माध्यम से हो या संवाद के रूप में — तो पाते हैं कि मनुष्य का मन उसी क्षण आवश्यक विचार प्रस्तुत कर देता है, जब उनकी आवश्यकता होती है। कल्पना शक्ति विश्व के एक छोर से दूसरे छोर तक दौड़कर उन विचारों को सामने लाती है जो हमारे उद्देश्य की पूर्ति में सहायक हों।
यह प्रक्रिया दर्शाती है कि हमारे भीतर एक अद्भुत आत्मिक शक्ति विद्यमान है जो सभी विचारों और संस्कारों को एकत्र करती है। हर विचार अस्तित्व का संकेत देता है, परंतु अस्तित्व का विचार किसी एक संस्कार से उत्पन्न नहीं होता — वह उसी तत्व से उत्पन्न होता है जिसे हम ‘अस्तित्व’ कहते हैं।
इस प्रकार, जब भी हम किसी विषय पर विचार करते हैं, हम उसके अस्तित्व पर ही चिंतन कर रहे होते हैं। और सत्ता (अस्तित्व) का विचार ही सबसे महान विचार है।
सनातन सत्य आत्मा के भीतर स्थित है। दुनिया सत्य से उत्पन्न है, सत्य दुनिया से नहीं। यह संसार केवल प्रतिबिंब है — एक प्रतीति, एक अस्थायी भ्रम।
जब हम जीवन-शक्ति से प्रेरित होकर जो नहीं करना चाहिए उसे नहीं करते, तो स्वाभाविक रूप से जो होना चाहिए, वह होने लगता है।
सूर्य, चंद्र, पृथ्वी और अग्नि — सभी एक-दूसरे में अस्तित्वमान हैं; यही सृष्टि के अस्तित्व का मूल आधार हैं। अमावस्या और पूर्णिमा इन्हीं के नियति चक्र का परिणाम हैं। अग्नि में सोम की आहुति सृष्टि और जीवन की अनवरत गति का प्रतीक है।
