सहभागी का गृह प्रवेश

सहभागी का गृह प्रवेश

🌸 संस्कारों से सराबोर गृहप्रवेश

      का आयोजन

दिनांक – 05 नवंबर 2025, अवसर – कार्तिक पूर्णिमा, स्थान – गुलाबी नगर जयपुर (सांगानेर)

कार्तिक पूर्णिमा, भारतीय परंपरा में अत्यंत पवित्र तिथि मानी जाती है। इसी मंगल दिवस पर जयपुर के सांगानेर क्षेत्र में नवीन गृह प्रवेश कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह केवल एक पारिवारिक अवसर नहीं था, बल्कि संस्कार, श्रद्धा और सामाजिक एकता का संगम था — एक ऐसा क्षण जब “सपना सच हुआ” और नया घर केवल ईंट-पत्थर का नहीं, आस्था और अपनत्व का प्रतीक बन गया।

गृह प्रवेश से एक दिन पूर्व, रात्रि में सुन्दरकाण्ड पाठ का आयोजन किया गया। पूरे वातावरण में भक्ति और पावनता की गूंज थी — तुलसी के छंदों से जैसे घर के हर कोने में श्रीराम और हनुमान का आशीर्वाद भर गया हो।

05 नवंबर की प्रातः 9 बजे से हवन एवं गृह प्रवेश संस्कार आरंभ हुआ। अग्नि के साक्षी में, वेद-मंत्रों की गूंज के साथ नवगृह की देहरी पर प्रथम पग रखे गए। इस शुभ कार्य में रिश्तेदारों, मित्रों, पड़ोसियों और शुभचिंतकों ने साक्षी बनकर हर्ष साझा किया।

सायंकाल 4 बजे से कन्या भोज एवं दक्षिणा कार्यक्रम आयोजित हुआ। कन्याओं का पूजन कर उन्हें भोजन करवाया गया — यह आयोजन केवल धार्मिक रीति नहीं बल्कि “नारी में दिव्यता” के सम्मान का प्रतीक था।

सांझ होते-होते धीरे-धीरे अतिथियों का आगमन आरंभ हुआ। कार्यक्रम में कई सम्माननीय अतिथि पधारे जिनमें प्रमुख रहे —

* डा. सूरज सिंह नेगी, वरिष्ठ साहित्यकार एवं प्रशासनिक अधिकारी, जयपुर

* श्री देवेंद्र भारद्वाज, सेवानिवृत्त उपवन वन संरक्षक

* श्री महावीर मीणा, पर्यावरणविद्

* श्री राजेन्द्र प्रसाद जैन, निदेशक, श्री दिगम्बर जैन सन्मति सागर उ.मा.वि. टोडा रायसिंह

* श्री हरिराम किवाड़ा, जेवीपी मीडिया, जयपुर

* श्री अनिल शुक्ला, प्रान्त उपाध्यक्ष, सेवा भारती जयपुर

* कवि दिनेश कुमार जैन, श्री आशीष विजयवर्गीय, अध्यक्ष, सेवा भारती समिति टोडा रायसिंह

* श्री सीताराम लक्षकार, सेवानिवृत्त नायब तहसीलदार

* श्री महेंद्र पंवार, श्री रतिराम जांगिड़, सहित अनेक परिजन एवं मोहल्लेवासी उपस्थित रहे।

इनके अतिरिक्त श्री जगदीश प्रसाद पाटीदार (शिक्षाविद्), श्री महावीर प्रसाद पाटीदार (समाज सेवी),

श्री अशोक कुमार पाटीदार (उपप्रधानाचार्य), श्री रामप्रसाद पाटीदार (रिश्तेदार), श्री शिवचरण पाटीदार (समाज सेवी) और श्री संजय पाटीदार (सामाजिक कार्यकर्ता) भी उपस्थित रहे।

उन सभी की उपस्थिति ने आयोजन को “सामूहिक आशीर्वाद” का रूप प्रदान किया। संवाद, स्नेह और शुभकामनाओं से भरे इन क्षणों ने यह सिद्ध कर दिया कि किसी भी घर की असली सुंदरता उसकी दीवारों में नहीं, बल्कि उसमें बसने वाले भावों, संस्कारों और अपनत्व में होती है।

यह गृह प्रवेश केवल एक परिवार की उपलब्धि नहीं, बल्कि हर उस व्यक्ति के लिए प्रेरणा है जो अपने जीवन में संस्कार, श्रद्धा और सामाजिक एकता को सहेजना चाहता है। जब हम अपने जीवन के शुभ अवसरों को समाज, भक्ति और कृतज्ञता से जोड़ते हैं — तभी वे व्यक्तिगत नहीं, सार्वजनिक प्रेरणा बन जाते हैं।

सूचना स्रोत

श्री शिवराज जी कुर्मी

पाठ्य उन्नयन और विस्तार व प्रस्तुति 

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