“मान्यताओं, परंपराओं एवं सांस्कृतिक जीवन मूल्यों का मान रखने का पर्व है संक्रांत””

“मान्यताओं, परंपराओं एवं सांस्कृतिक जीवन मूल्यों का मान रखने का पर्व है संक्रांत””

भूमिका यह जो विवरण यहां पर दिया जा रहा है वह कोई प्रशस्ति ना होकर एक अभियान 'गुर्जर महोत्सव' का मूलतः विश्लेषण है। और! इस अभियान के सृजक गुर्जर आर्ट…
मकर संक्रांति पर पतंगबाजी

मकर संक्रांति पर पतंगबाजी

मैं पतंग हूं तुम हो डोरी करता तुमसे सीना जोरी। हवा उड़ाती है जब मुझको दिक्कत आती है क्या तुझको। लूट मचाते लोग यहां सब। तुमसे है ये जीवन मेरा…
💥दोहा💥 और 💥 चौपाइयाँ 💥

💥दोहा💥 और 💥 चौपाइयाँ 💥

💥दोहा💥 आसमान में डोलती, उड़ती वो परवान। लड़े पेच कट जाय तो, खो देती पहचान।। 💥 चौपाइयाँ 💥 पतंग उड़ी नवरंग आकाशा, खिंची डोर सतरंगी आशा। एक कटे दूजी कट…
मकर संक्रांति पर दान देने की परंपरा है। इसी प्रसंग में कुछ   दोहे

मकर संक्रांति पर दान देने की परंपरा है। इसी प्रसंग में कुछ  दोहे

मकर संक्रांति पर दान देने की परंपरा है। इसी प्रसंग में कुछ दोहे रचयिता केदार शर्मा टोंक (राजस्थान)   'दान' सदा पात्र को दीजिए, जो भी देओ दान। पानी डालो कीच…
नई स्पर्धा (New Competition) – युवाओं के लिए पाती का संपूर्ण खाका

नई स्पर्धा (New Competition) – युवाओं के लिए पाती का संपूर्ण खाका

नई स्पर्धा की भूमिका साथियो! सृष्टि में केवल अपनी सोचना और जग की सोचना चिंतनi के दो अलग अलग क्षेत्र हैं और डॉक्टर सूरज सिंह नेगी जी ने जग की…
पैसा – श्योराज बम्बेरवाल

पैसा – श्योराज बम्बेरवाल

भूमिका किसी भी विषय पर काव्य रचना श्री श्योराज जी की विशेषता है। पैसे पर उनके विचार देखिए तो सही। जब सवाल पैसों का हो तो, कोई नहीं छोड़ता है…
सर्दी की ऋतु – श्री केदार शर्मा जी

सर्दी की ऋतु – श्री केदार शर्मा जी

भूमिका कवि, स्तंभकार और व्यंग्यकार श्री केदार शर्मा जी का उलझन सुलझन के सर्वप्रथम योगदान के लिए उनका हार्दिक आभार। सर्दी की ऋतु का चला,  कुदरत में  अब राज। जीव…