नवल हिंदू वर्ष पर विशेष रचना

नवल हिंदू वर्ष पर विशेष रचना

नया साल नई उमंगता, मन में भरता नव उत्साह। बीती बातें सोच नवीन, आया नूतन वर्ष वाह-वाह!! उत्सुकता से स्वागत करते, एक दूजे को देवे बधाई। घर-घर में पकवान बनाते,…
विश्व जल संरक्षण पर समागम

विश्व जल संरक्षण पर समागम

विश्व जल संरक्षण दिवस के अवसर पर ग्राम दुजाना के एक सामाजिक संगठन ने गांव स्थित नि:शुल्क पुस्तक बैंक पर सामाजिक संस्था के विस्तार तथा जल संरक्षण जागरूकता गोष्ठी का…
महिला दिवस पर नारी सम्मान

महिला दिवस पर नारी सम्मान

'डॉ. नाज़ परवीन का नारी सम्मान' विश्व महिला दिवस के शुभ अवसर पर डॉ. नाज परवीन, जो कि सहायक आचार्या (इतिहास) के रूप में श्री द्रोणाचार्य स्नातकोत्तर महाविद्यालय दनकौर ग्रेटर…
नींव का कार्यक्रम महिला दिवस पर

नींव का कार्यक्रम महिला दिवस पर

महिला दिवस के अवसर पर सेनेटरी पैड वितरण अभियान नींव संस्था और एनसीसी ने मिलकर उठाया सराहनीय कदम 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में नींव संस्था ने…
💥चंग री धमाल💥

💥चंग री धमाल💥

💥चंग री धमाल💥 प्रीतम आजा रे मंगरा-मंगरा पर बाट निहारूं रे। प्रीतम आजा रे ••• •••• ••••••••। ऐ परभात्या चिडकोल्या बोले,मनडो लेय हिलोरा रे-2 काम-धाम की सुध-बुध खोई,बाट निहारूं रे।…
निडर

निडर

।।निडर।। हम डर से कभी ना डरते, जीवन में डर से कभी ना मरते।। ज़िन्दगी अपनी मर्जी से जीते, तो कौन है जो हमें डरायेगा। माँ-बाप, भाई-बहनों को अपना माना,…
अखिल भारतीय स्तर की पाती लेखन प्रतियोगिता 2025

अखिल भारतीय स्तर की पाती लेखन प्रतियोगिता 2025

साहित्य मंच, टोडारायसिंह जिला टोंक के तत्वावधान में डा. सूरज सिंह नेगी (वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी, जयपुर) की मुहिम 'पाती अपनों को' के तहत अखिल भारतीय स्तर की पाती लेखन प्रतियोगिता…
💖नशे के जाल में उलझा हुआ है नौजवां मेरा💖

💖नशे के जाल में उलझा हुआ है नौजवां मेरा💖

नशीले  जाल  में  उलझा  हुआ  है नौजवां मेरा। भटकते आज मंजिल से, होगा हाल क्या तेरा? इन्हें  रास्ता  है  दिखलाना, यही  ईमान है मेरा। नशीले  जाल  से सुलझे, यही अरमान…
गौरैया संरक्षण

गौरैया संरक्षण

भूमिका   साहित्य मंच- टोडारायसिंह जिला टोंक के तत्वावधान में रा,उ, प्रा वि- गुजर वाडा ब्लॉक केकडी जिला अजमेर में गौरैया संरक्षण एक पहल, अभियान के अन्तर्गत स्कूली विद्यार्थियों को…
मैं मीठे गीत लिखूॅं कैसे?

मैं मीठे गीत लिखूॅं कैसे?

मैं मीठे गीत लिखूँ कैसे? आस्तीन में साँप मिले, फूलों में काँटे मिलते हैं। गंगा जल बहता नाली में, कीचड़ में पंकज खिलते हैं। शत्रु भाव से भरे हुए जो,…