भूमिका
शैक्षिक क्षेत्र में प्रतिस्पर्धात्मक सफलता का महत्व अत्यधिक है क्योंकि यह विद्यार्थियों को न केवल उनके ज्ञान और कौशल को निखारने का अवसर प्रदान करता है, बल्कि उन्हें आत्मविश्वास, नेतृत्व क्षमता और समस्याओं को हल करने की योग्यता भी विकसित करने में मदद करता है। प्रतिस्पर्धा विद्यार्थियों को अपने लक्ष्यों के प्रति प्रेरित करती है और उन्हें अपने प्रदर्शन में सुधार के लिए निरंतर प्रयास करने के लिए प्रेरित करती है। यह न केवल व्यक्तिगत विकास को बढ़ावा देती है, बल्कि उन्हें समाज और राष्ट्र की प्रगति में योगदान देने के लिए तैयार करती है।
विवरण
पीपलू (राजस्थान)। साहित्य मंच टोडारायसिंह के तत्वावधान में बनवाड़ा पंचायत क्षेत्र में गत सत्र 2024-25 के अन्तर्गत एनएमएमएस परीक्षा में चयनित छात्र छात्राओं का सम्मान समारोह का आयोजन राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय जयकिशनपुरा में हुआ।
संबोधन
एनएमएमएस प्रेरक दिनकर विजयवर्गीय ने बताया कि
“प्रतियोगी परीक्षाओं में छात्रों की भागीदारी का उनके विकास पर गहरा प्रभाव पड़ता है। इससे छात्रों में समय प्रबंधन, समस्या सुलझाने की क्षमता, मानसिक लचीलापन और आत्मनिर्भरता बढ़ती है। प्रतियोगिता में भाग लेकर वे अपनी सीमाओं को समझते हैं और उन्हें पार करने की दिशा में काम करते हैं। यह छात्रों को न केवल अकादमिक बल्कि मानसिक और शारीरिक रूप से भी तैयार करता है, जिससे वे भविष्य में आने वाली चुनौतियों का सामना बेहतर तरीके से कर सकते हैं। इसके अलावा, यह छात्रों को अपने लक्ष्यों के प्रति समर्पण और दृढ़ता सिखाता है, जो उनके जीवन में सफलता प्राप्त करने में मदद करता है।”
इस दौरान भामाशाह ओमप्रकाश जैन ने शिक्षा की महत्ता बताते हुए कहा कि
“जीवन में शिक्षा का अत्यधिक महत्व है, क्योंकि यह न केवल व्यक्ति के विकास में मदद करती है, बल्कि समाज और राष्ट्र के समग्र विकास में भी योगदान देती है। शिक्षा से व्यक्ति में सोचने, समझने और निर्णय लेने की क्षमता विकसित होती है। यह हमें अपने अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूक बनाती है और सामाजिक समस्याओं को हल करने के लिए समाधान प्रदान करती है। शिक्षा से हम अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सही मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित होते हैं। इसके अलावा, शिक्षा से समाज में समानता और भाईचारे का वातावरण बनता है, जिससे राष्ट्र की प्रगति में योगदान होता है।”
शिवराज कुर्मी ने लक्ष्य को निर्धारित कर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया और अपने संबोधन में कहा
“जीवन में किसी भी बड़े उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए पहले हमें अपना लक्ष्य स्पष्ट रूप से निर्धारित करना चाहिए। उन्होंने हमें प्रेरित किया कि जब हम अपने लक्ष्य को सही तरीके से पहचान लेते हैं और उसे प्राप्त करने के लिए दृढ़ संकल्पित होते हैं, तो हमें किसी भी मुश्किल या रुकावट से डरने की आवश्यकता नहीं होती। उनका यह संदेश था कि आत्मविश्वास और समर्पण के साथ निरंतर प्रयास करते रहना चाहिए, क्योंकि सफलता केवल मेहनत और सच्ची निष्ठा से ही मिलती है।”
प्रतिभाग
समारोह में साहित्य मंच संयोजक शिवराज कुर्मी, भामाशाह ओमप्रकाश जैन बरवास, पीईईओ पन्नालाल वर्मा, प्रधानाध्यापक हेमराज माली, एसएमसी अध्यक्ष ब्रजमोहन प्रजापत, देवहंस गुर्जर के हाथों जयकिशनपुरा से चयनित धीरज प्रजापत, लव शर्मा, कुश शर्मा, गगन मीणा, प्रकाश शर्मा, शिवानी शर्मा, दीपक शर्मा, रामकेश गुर्जर, बनवाड़ा से चयनित शिवानी बैरवा, तमन्ना चंदेल, सूरज नायक, हाजीपुरा से चयनित हेमराज बागरिया का स्मृति चिन्ह देकर सम्मान किया गया। इस मौके शिक्षक मोरपाल गुर्जर, मोहन लाल गुर्जर, शंकर लाल मीणा, कन्हैया शर्मा, अंकित कुमार सुमीत, गोविंद नारायण छिपी आदि उपस्थित रहे।
सूचना स्रोत
दिनकर विजयवर्गीय
चित्र दीर्घा
दो समारोहों संबंधी वृत्तांत
टोडारायसिंह से जयकिशन पुरा, राणोली, जिला-टोंक (राजस्थान)
दिनांक 15 जनवरी 2025 को प्रातःकाल 9.30 बजे शीत ऋतु में मोटरसाइकिल से मैं कार्यक्रम में सम्मिलित होने के लिए रवाना हुआ। झिराना में केदारनाथ मन्दिर में भोलेनाथ के दर्शन कर आगे बढा़। नातडी़ से मेरे मित्र ओमप्रकाश जैन भामाशाह बरवास को साथ लेकर रवाना हुआ।
धीरे-धीरे मौसम में बदलाव आने लगा। हम दोपहर को कार्यक्रम स्थल जयकिशनपुरा पहुंचे। गत सत्र में एनएमएमएस परीक्षा में चयनित विद्यार्थियों का सम्मान साहित्य मंच टोडारायसिंह द्वारा किया जाना था। ठिठुरन भरी सर्दी में बच्चे इन्तजार कर रहे थे। कुछ ही देर में श्री दिनकर विजयवर्गीय एवं शाला के शिक्षकों के प्रयास से कार्यक्रम शुरू हुआ। विद्यालय परिवार द्वारा अतिथियों का तिलक वन्दन कर साफा बंधवाकर सम्मान किया गया। इसके बाद बारी-बारी से सभी प्रतिभाओं का माल्यार्पण, प्रतीक चिह्न एवं पेन देकर सम्मान किया गया। इन प्रतिभाओं में छात्र गगन मीना ने एन.एम.एम.एस. परीक्षा में जिला स्तर एवं राज्य स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त किया। खास बात यह रही कि विद्यालय परिवार की कठिन मेहनत से गत सत्र में आठ विद्यार्थियों का चयन इसी विद्यालय से हुआ। राज्य सरकार द्वारा प्रत्येक चयनित विद्यार्थी को चार साल तक प्रति वर्ष बारह हजार रुपए की सहायता प्रदान की जाती है।
सभी विद्यार्थियों का सामूहिक फोटो सेशन हुआ। वर्तमान सत्र में परीक्षा देने वाले प्रतिभागियों को अन्त्योदय फाउंडेशन मुम्बई से प्राप्त अंग्रेजी की पुस्तक बच्चों को वितरित की गई। कुछ प्रतिभाशाली विद्यार्थियो को लेपटाॅप एवं सिम भी वितरित किये गए। शिवराज कुर्मी (संयोजक साहित्य मंच- टोडारायसिंह) ने विलुप्त होती गौरैया चिड़िया को लेकर, गौरैया संरक्षण, एक पहल अभियान के बारे में जानकारी देकर नियमित रूप से इन पक्षियों के लिए दाना पानी की व्यवस्था करने के लिए प्रेरित किया। गौरैया चिड़िया पर आधारित पोस्टर बच्चों को दिखाया। उनको ऐसे पोस्टर बनाने के लिए प्रेरित भी किया।
डॉ. सूरज सिंह नेगी साहब के द्वारा संपादित पुस्तक ‘बच्चों के पत्र’ पुस्तकालय हेतु संस्था प्रधान महोदय को भेंट की गई। साथ ही विद्यालय परिवार से निवेदन किया कि प्रार्थना सभा के दौरान इस पुस्तक से प्रतिदिन एक पत्र छात्र छात्राओं से पढ़वाया जावे। ताकि बच्चों में पढ़ने की समझ विकसित हो सके। सबके सामने बोलने से झिझक दूर हो सके। आत्मविश्वास, शुद्ध वाचन को बल मिले। संस्था प्रधान ने सभी का आभार व्यक्त किया।
कार्यक्रम समापन के बाद अल्पाहार ले कर राणोली के लिए निकल गए। मौसम खराब होने से बीच रास्ते में दो बार बरसात का सामना करना पड़ा। अनजान घर में शरण भी लेनी पडी़। हम 2 बजे राणोली स्कूल में पहुँच गए। यहाँ पर भी साइबर क्राइम एवं सड़क सुरक्षा कार्यक्रम पहले से तय था। हमारे से पहले थानाधिकारी झिराना पहुँच गये थे। विद्यालय परिवार द्वारा सभी व्यवस्था सुचारु रूप से कर रखी थी। एक बडे़ हाल में भरपूर मात्रा में विद्यार्थी बैठे मिले। सुसज्जित मंच देखने को मिला।
कार्यक्रम का शुभारंभ माँ शारदे को माल्यार्पण से हुआ। इसके बाद अतिथियों का सत्कार किया गया। श्री हरिमन मीणा, थानाधिकारी झिराना द्वारा साइबर क्राइम एवं सड़क सुरक्षा के बारे में छात्र छात्राओं को बताया गया। मोबाइल की जगह पुस्तक पढ़ने पर बल दिया। इन्होंने ने अपनी आपबीती जीवन आधारित घटनाओं की जानकारी देकर लक्ष्य को हासिल करने के लिए प्रेरित किया। ओमप्रकाश जैन भामाशाह बरवास ने शिक्षा पर आधारित कविता पाठ सुनाया। शिवराज कुर्मी (संयोजक, साहित्य मंच, टोडारायसिंह) द्वारा सड़क सुरक्षा आधारित प्रश्नोत्तरी आयोजित कर सही उत्तर देनेवाले विद्यार्थियों को ईनाम देकर उनका उत्साहवर्धन किया गया। डॉ. सूरज सिंह नेगी साहब की अनूठी मुहिम, पाती अपनों को, के तहत अखिल भारतीय स्तर की पत्र लेखन प्रतियोगिता, युवाओं को पाती, लेखन के बारे में अवगत कराया। संस्था प्रधान महोदय को पुस्तकालय हेतु बच्चों के पत्र एवं गौरैया की पुकार पुस्तक भेंट की गई। संस्था प्रधान ने विश्वास दिलाया कि हमारे विद्यार्थी पत्र लेखन प्रतियोगिता में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेंगे। कार्यक्रम समापन के बाद अल्पाहार लिया गया।
इसके बाद राणोली हमारे मित्र आदरणीय सीताराम लक्षकार, सेवा निवृत्त नायब तहसीलदार साहब के सामाजिक कार्यक्रम में सहभागी बने। स्वादिष्ट भोजन का आनंद लेकर रात्रि विश्राम किया।
चित्रदीर्घा