साक्षात्कार

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🌸 रश्मि आनंद वर्मा जी 🌸

परिचय

मेरा नाम रश्मि आनंद वर्मा है। मैं वर्तमान में अजमेर स्थित एक प्रतिष्ठित डिफेंस अकादमी में सेंटर मैनेजर के रूप में कार्यरत हूँ। मैंने एमबीए (CRM – कस्टमर रिलेशनशिप मैनेजमेंट) में किया है, जिसने मुझे न केवल व्यावसायिक रूप से सक्षम बनाया, बल्कि मानवीय संबंधों को बेहतर ढंग से समझने में भी सहायता दी।

मेरे अंदर एक रचनात्मक आत्मा बसी है। मैं कहानियाँ और कविताएँ लिखती हूँ, जो मेरे मन के भावों और अनुभवों का प्रतिबिंब होती हैं। इसके अलावा मैं एक अच्छी गायिका भी हूँ। संगीत मेरे जीवन का अभिन्न हिस्सा है, जो मुझे सुकून देता है।

मेरी सबसे बड़ी ताकत है – संवेदनशीलता और दूसरों की बातें ध्यानपूर्वक सुनना। मैं ऐसे लोगों की मदद करना चाहती हूँ जो मानसिक रूप से कठिन परिस्थितियों में फँसे होते हैं। जरूरी नहीं कि मैं हर बार समाधान दे सकूँ, लेकिन मैं चाहती हूँ कि कोई ऐसा हो जो बिना जज किए उन्हें सुने — मैं वही “कान” बनना चाहती हूँ।

मेरा उद्देश्य है – लोगों के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा भरना, उन्हें आशा देना और उनके साथ एक हमदर्द के रूप में खड़ा रहना।

🎤 साक्षात्कार

प्रश्न १. आप डिफेंस अकादमी में क्या कार्य करती हैं?

उत्तर: “मैं एक सेंटर मैनेजर के रूप में प्रशासनिक कार्यों को देखती हूँ, स्टाफ और विद्यार्थियों के बीच समन्वय बनाती हूँ, प्रवेश प्रक्रिया, अनुशासन और संस्थान की दैनिक व्यवस्था को सुव्यवस्थित करती हूँ।”

प्रश्न २. आपको कहानियाँ और कविताएँ लिखने की प्रेरणा कहाँ से मिली?

उत्तर: “जीवन ही मेरी सबसे बड़ी प्रेरणा है। जो भाव मैंने अनुभव किए या दूसरों में देखे, वही मेरी रचनाओं में उतर आए। लेखन मेरे लिए आत्म-अभिव्यक्ति और जुड़ाव का माध्यम है।”

प्रश्न ३. संगीत आपके जीवन में क्या भूमिका निभाता है?

उत्तर: “संगीत मेरी आत्मा को शांति देता है। यह मेरे लिए ध्यान की तरह है। जब मैं गाती हूँ, तो लगता है जैसे हर चिंता दूर हो गई हो। यह मुझे अंदर से सशक्त करता है।”

प्रश्न ४. आप मानसिक रूप से परेशान लोगों की मदद कैसे करती हैं?

उत्तर: “मैं उन्हें बिना किसी पूर्व धारणा के सुनती हूँ। मैं उनके लिए एक सुरक्षित स्थान बनाती हूँ जहाँ वे खुलकर अपने दिल की बात कह सकें। कई बार सुनना ही सबसे बड़ी मदद होती है।”

प्रश्न ५. “किसी के दुख का कान बनना” आप इससे क्या आशय रखती हैं?

उत्तर: “मेरा मतलब है – पूरी संवेदनशीलता और ध्यान से किसी की बात सुनना। जब व्यक्ति महसूस करता है कि उसे समझा जा रहा है, तो उसका बोझ आधा हो जाता है।”

प्रश्न ६. आपका एमबीए (CRM) आपकी भूमिका में कैसे सहायक रहा है?

उत्तर: “CRM ने मुझे यह सिखाया कि कैसे लोगों के साथ गहरा और भरोसेमंद रिश्ता बनाया जाए। यह गुण मेरी पेशेवर और व्यक्तिगत दोनों भूमिकाओं में सहायक रहा है।”

प्रश्न ७. आपकी सबसे प्रिय कविता या कहानी कौन सी है और क्यों?

उत्तर: “एक कविता जो मैंने दिल टूटने के बाद आत्मबल को लेकर लिखी थी, वह मेरे दिल के बहुत करीब है। वह ना केवल मेरा अनुभव है, बल्कि पढ़ने वालों के लिए भी एक संबल बनती है।”

प्रश्न ८. आप अपने रचनात्मक शौक और व्यावसायिक जिम्मेदारियों में संतुलन कैसे रखती हैं?

उत्तर: समय प्रबंधन के माध्यम से। मैं प्रतिदिन कुछ समय लेखन या संगीत के लिए निकालती हूँ। ये दोनों मेरे लिए ऊर्जा का स्रोत हैं, जो मुझे और बेहतर काम करने की प्रेरणा देते हैं।

प्रश्न ९. आप उन लोगों को क्या संदेश देना चाहेंगी जो भावनात्मक संघर्ष से जूझ रहे हैं?

उत्तर: “आप अकेले नहीं हैं। दर्द सच्चा है, लेकिन उससे उबरना भी संभव है। किसी से बात करने से झिझकें नहीं। कोई न कोई हमेशा आपकी सुनने के लिए तैयार है – जैसे मैं।”

प्रश्न १०. क्या आपने अपनी कविताएँ या कहानियाँ प्रकाशित करने के बारे में सोचा है?

उत्तर: “हाँ, मैं अपने संग्रह को पुस्तक के रूप में प्रकाशित करने की योजना बना रही हूँ ताकि मेरे विचार और भावनाएँ अधिक लोगों तक पहुँच सकें।”

प्रश्न ११. आपके काउंसलिंग के प्रयासों पर लोगों की क्या प्रतिक्रिया रहती है?

उत्तर: “अधिकतर लोग यह कहते हैं कि उनसे बात करने के बाद उन्हें हल्का महसूस हुआ। जब कोई कहता है “आपने मुझे समझा”, तो वही मेरी सबसे बड़ी सफलता होती है।”

प्रश्न १२. क्या आप कभी अपनी गायिकी को मोटिवेशन या काउंसलिंग का हिस्सा बनाती हैं?

उत्तर: “हाँ, कई बार मैंने देखा है कि एक मीठा गीत किसी के आँसू पोंछ सकता है। संगीत में वह शक्ति है जो शब्दों में नहीं होती।”

प्रश्न १३. आपके जीवन में आपका आदर्श कौन है?

उत्तर: “मेरे लिए हर वह व्यक्ति प्रेरणास्रोत है जो करुणा और साहस के साथ जीता है — चाहे वह परिवार का सदस्य हो या कोई अनजान मुसाफिर जिसने दूसरों की मदद की हो।”

प्रश्न १४. आपके भविष्य के लक्ष्य क्या हैं?

उत्तर: “मैं एक प्रमाणित लाइफ कोच बनना चाहती हूँ, अपनी रचनाएँ प्रकाशित करना चाहती हूँ और संगीत को भी एक थैरेपी की तरह लोगों तक पहुँचाना चाहती हूँ।”

प्रश्न १५. यदि आपको दुनिया को एक संदेश देना हो, तो वह क्या होगा?

उत्तर: “सुनना सीखें। कम निर्णय करें, ज्यादा समझें। जब हम एक-दूसरे का सहारा बनते हैं, तब ही दुनिया बेहतर बनती है।”

सुनिश्चयन एवं सूचना स्रोत

रश्मि आनंद वर्मा

पाठ्य विस्तार

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प्रस्तुति