जाति सेनाएं: समरसता नाशक
हर जाति की अपनी सेना,
अपने सेनानायक हैं।
अपने-अपने नारे सबके,
अपने ही खलनायक हैं।
अपना झंडा अपना डंडा,
और अपना हथकंडा है।
कहने को सुखदायक बनते,
पर सच में दुःखदायक है।
रचनाकार
dAya shArmA (vAishnAv)
प्रस्तुति
हर जाति की अपनी सेना,
अपने सेनानायक हैं।
अपने-अपने नारे सबके,
अपने ही खलनायक हैं।
अपना झंडा अपना डंडा,
और अपना हथकंडा है।
कहने को सुखदायक बनते,
पर सच में दुःखदायक है।
रचनाकार
dAya shArmA (vAishnAv)
प्रस्तुति