जयंती पर विशेष 🙏
शब्दबाण से सिंहनाद कर ,
गौरी को ललकार उठे ।
गज़नी की धरती दहली थी ,
तलवारों की धार उठे ।।
चंद छंद की गाथा कहती
पृथ्वीराज थे उदित रवि ।
देख पराक्रम युद्ध भूमि में,
जिनकी जय-जयकार उठे
रचयिता
…dAyA shArmA
चित्र
चैट जीपीटी
प्रस्तुति