शिक्षिका शालिनी प्रेषित
कक्षा तीन की छात्रा लक्षिता सिंह द्वारा निर्मित
महाराणा प्रताप का पेंसिल आरेख
जयंती पर विशेष 🙏
शब्दबाण से सिंहनाद कर,
गौरी को ललकार उठे।
गज़नी की धरती दहली थी,
तलवारों की धार उठे।।
चंद छंद की गाथा कहती,
पृथ्वीराज थे उदित रवि।
देख पराक्रम युद्ध भूमि में,
जिनकी जय-जयकार उठे।।
परीक्षा …………….?
अंकतालिका के अंकों से,
कहाँ आकलन होता है ?
बुद्धि के विस्तृत भावों का,
कहाँ संकलन होता है ??
कुछ मुद्रित कागज़ के टुकड़े,
मापदंड बन सकते क्या ..?
शबनम की बूंदों को लेकर,
कहाँ आचमन होता है?
…dAyA shArmA
रचयिता
…dAyA sharma prastuti
प्रस्तुति