कलियुग

कलियुग

ये कलियुग ही तो है 

कलियुग ही तो है ये जिसमें इंसान रुलाए जाते हैं

जिंदा जानवर मारकर प्लेटों में सजाए जाते हैं।

 

कलियुग ही तो है ये जिसमें मां बाप सताए जाते हैं

बुढ़ापे में वृद्धाश्रम छोड़ आए जाते हैं।

 

कलियुग ही तो है ये जिसमें बेढ़ंगे कपड़े पहने जाते हैं

और बड़ों को अपमान के घूंट पिलाए जाते हैं।

 

कलियुग ही तो है ये जिसमें ऑनलाइन ही

सब रिश्ते निभाए जाते हैं।

कलियुग ही तो है ये जिसमें मतलब से रिश्ते बनाए जाते हैं।

 

कलियुग ही तो है ये जिसमें झूठे इल्ज़ाम लगाए जाते हैं,

आजकल बेटियां नहीं बेटे और उनके मां बाप सताए जाते हैं।

 

ये कलियुग ही तो है जहां लड़कियां लड़कों पर झूठे इल्ज़ाम लगाती है और

लड़का और उसके मां बाप जेल की सलाखों के पीछे पाए जाते हैं।

सृजक

माया शर्मा (स्वरचित)

प्रस्तुति