लोकतंत्र और चुनावी शुचिता के सबसे बड़े पैरोकार, एडीआर (एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स) के संस्थापक और आईआईएम अहमदाबाद के पूर्व प्रोफेसर जगदीप एस. छोकर का आज सुबह निधन हो गया। यह समाचार न केवल शिक्षा और राजनीति के क्षेत्र के लिए, बल्कि पूरे समाज के लिए एक अपूरणीय क्षति है। उन्होंने अपने जीवन में पारदर्शिता, जवाबदेही और जनहित के लिए जो संघर्ष किया, वह भारतीय लोकतंत्र को एक नई दिशा देने वाला साबित हुआ। चुनावी सुधारों, राजनीतिक वित्तीय पारदर्शिता, और मतदाता जागरूकता के लिए उनके प्रयास आने वाली पीढ़ियों तक प्रेरणा का स्रोत बने रहेंगे।
परंतु उनके व्यक्तित्व की महानता केवल उनके विचारों, आंदोलनों या सार्वजनिक जीवन तक सीमित नहीं रही। जीवन के अंतिम क्षणों में भी उन्होंने समाज के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को एक अनूठे और उच्चतम स्वरूप में व्यक्त किया। उन्होंने अपने मृत्योपरांत देहदान का संकल्प लिया—एक ऐसा निर्णय जो जीवन से परे जाकर सेवा की भावना को चरितार्थ करता है। देहदान केवल एक चिकित्सा प्रक्रिया नहीं, बल्कि मानवता की सेवा का सर्वोच्च रूप है। यह निर्णय उस दृष्टिकोण का प्रतीक है जिसमें व्यक्ति अपने शरीर तक को ज्ञान, चिकित्सा और समाज के हित में समर्पित कर देता है।
देहदान का महत्व इसलिए भी अत्यंत गहरा है क्योंकि यह जीवन की अस्थायीता और शरीर की सीमाओं से परे जाकर किसी बड़े उद्देश्य से जुड़ने की प्रेरणा देता है। प्रोफेसर जगदीप एस. छोकर ने यह संदेश दिया कि सेवा केवल शब्दों में नहीं, बल्कि कर्मों में प्रकट होती है। उन्होंने यह दिखाया कि एक सजग नागरिक और समाजसेवी का धर्म जीवनभर चलने वाला संकल्प है—चाहे वह लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए संघर्ष हो या मृत्यु के बाद भी मानव कल्याण का योगदान।
उनका यह निर्णय समाज में वैज्ञानिक दृष्टिकोण, मानवता की सेवा और परोपकार की चेतना को जागृत करने वाला है। देहदान के माध्यम से वे भविष्य के चिकित्सकों, शोधकर्ताओं और मानवता की भलाई के लिए अपना योगदान देना चाहते थे। यह उनके व्यक्तित्व की वही ऊँचाई है जिसने उन्हें जीवन में मार्गदर्शक और मृत्यु के बाद भी समाज का प्रेरक बनाकर स्थापित किया।
आज जब हम उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हैं, तो साथ ही हमें उनके इस महान संकल्प से भी प्रेरणा लेनी चाहिए। उनकी विरासत केवल चुनावी सुधारों या शिक्षण संस्थानों में नहीं, बल्कि प्रत्येक नागरिक के मन में एक आदर्श रूप में जीवित रहेगी—कि सेवा का अर्थ केवल उपलब्धियों में नहीं, बल्कि समाज के लिए अपने अस्तित्व को समर्पित करने में है।
प्रोफेसर जगदीप एस. छोकर का देहदान हमें यह सिखाता है कि महानता पद, प्रतिष्ठा या उपलब्धियों से नहीं, बल्कि निःस्वार्थ सेवा, वैज्ञानिक दृष्टिकोण और मानव कल्याण के लिए किए गए संकल्प से परिभाषित होती है। उनके जीवन और देहदान दोनों का सम्मान करते हुए हम उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं और समाज में सेवा की वही भावना जागृत रखने का संकल्प लेते हैं।
श्रद्धा सुमन
शोक संदेश – श्री भगवान दास मंजीत (सहारनपुर)
“भारत ने आज एक ऐसा व्यक्तित्व खो दिया है, जिसने ज्ञान, अनुशासन और सेवा के माध्यम से समाज को दिशा दी। प्रोफेसर जगदीप सिंह छोकर का निधन मेरे लिए व्यक्तिगत क्षति है। वे केवल शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट मार्गदर्शक नहीं थे, बल्कि सत्यनिष्ठा और समाज के प्रति समर्पण का जीवंत उदाहरण थे।
भारतीय प्रबंधन संस्थान अहमदाबाद में उनकी उपस्थिति ने अनगिनत विद्यार्थियों को प्रेरणा दी। चुनावों में पारदर्शिता लाने का उनका प्रयास और इलेक्ट्रॉल बॉन्ड्स जैसे मुद्दों को उजागर करना लोकतंत्र को मजबूत बनाने का ऐतिहासिक कार्य है।
साथ ही, प्रकृति और पक्षियों के प्रति उनका प्रेम हमें यह याद दिलाता है कि जीवन का सौंदर्य केवल ज्ञान में नहीं, बल्कि संवेदनशीलता में भी निहित है।
ईश्वर उन्हें अपने चरणों में स्थान दे और हमें उनकी शिक्षाओं पर चलने की शक्ति प्रदान करे।
भावपूर्ण श्रद्धांजलि।”
शोक संदेश – समाज विकास अनुसंधान सभा
“समाज विकास अनुसंधान सभा प्रोफेसर जगदीप सिंह छोकर के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करती है। उन्होंने न केवल एक शिक्षाविद् के रूप में अपने ज्ञान का प्रकाश फैलाया, बल्कि लोकतंत्र की मजबूती के लिए संघर्षरत राहों को रोशन किया।
एडीआर के माध्यम से उन्होंने चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता, जवाबदेही और जनहित की आवाज़ को मुखर किया। चुनावी बांड्स पर उनकी पहल देश में जागरूकता की मिसाल बनी।
उनकी वैज्ञानिक दृष्टि, पक्षी विज्ञान में रुचि और पर्यावरण के प्रति उनका अनुराग उन्हें सामान्य शिक्षकों से अलग बनाता है।
उनकी समाज सेवा की भावना प्रेरणा का स्रोत बनी रहेगी। हम उनके योगदान को नमन करते हैं और उनके आदर्शों को अपनाकर समाज की प्रगति के लिए कार्यरत रहने का संकल्प दोहराते हैं।
ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति दे।”
शोक संदेश – श्री शेषराज पंवार (सहारनपुर)
“एक उच्चस्तरीय शिक्षा प्राप्त प्रकृति प्रेमी 80 वर्ष आयु में संविधान की रक्षा के लिए संघर्षशील व्यक्ति का हमारे बीच से जाना समाज के लिए ही नहीं हमारे देश के लिए बड़ा आघात है। उनके द्वारा किए गए कार्यों का कुछ पंक्तियों में वर्णन करना संभव नही है। भारतीय प्रबंधन संस्थान अहमदाबाद में प्रोफेसर और डीन रहे जगदीप छोकर साहब गत पच्चीस वर्षों से चुनाव प्रणाली में इतने सुधार करा गए कि उनको और उनकी संस्था ADR को शताब्दियों तक याद रक्खा जाएगा। अभी उनकी इलेक्टोरल बॉन्ड पर हुई जीत आधी अधूरी है निकट भविष्य में यह भ्रष्टाचार और उजागर होगा। भारत के लोकतंत्र की रक्षा के लिए उनके प्रयास भविष्य में मील के पत्थर सिद्ध होंगे। समय बलवान है कुछ दिन और हमारे बीच रहते तो हमारा और भला होता। उन्होंने अपना शरीर भी मानव हित में समर्पित कर दिया है इसलिए अंतिम संस्कार आम आदमी की तरह नहीं होगा। व्यथित हृदय से आदरांजली।”
शोक संदेश – अशोक वर्मा (Retd. PCS, Noida)
“Extremely sad on the passing away of Sh. Jagdeep Chokar.
Sh. Jagdeep Chokar founder of ASSOCIATION OF DEMOCRATIC REFORMS was earlier a professor at IIM Ahmedabad. He was a very learned man his contribution to save the democratic institutions of India can never be forgotten. May his soul rest in peace.”
शोक संदेश – डॉ. राकेश राणा (साहिबाबाद)
शोक संदेश – श्री मोहनलाल वर्मा (जयपुर)
✍️ लोकतंत्र के प्रहरी प्रोफेसर जगदीप छोकर का निधन भारत राष्ट्र की अपूरणीय क्षति ✍️
“सृष्टि रचयिता महापुरुषों को किसी विशेष कार्य के लिए पृथ्वी पर भेजता है। ऐसी ही महान विभूति प्रोफेसर जगदीप छोकर भारतवर्ष की लोकतांत्रिक व्यवस्था में आने वाली पीढ़ियों के लिए एक मार्गदर्शक के रूप में स्मरण किए जाएंगे।
राजस्थान गुर्जर महासभा के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष एवं प्रदेश वरिष्ठ नागरिक समिति के महामंत्री मोहनलाल वर्मा ने जगदीप छोकर के निधन को राष्ट्र की अपूरणीय क्षति बताया है लोकतंत्र के प्रहरी जगदीप छोकर ने जीवन पर्यंत रेलवे विभाग में अपनी सेवाएं देते हुऐ उन्होंने विदेश में शिक्षा और कानून के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने चलकर दिखाया कि राजनीतिक जीवन में लोकतंत्र मानवीय जीवन मूल्य आधारित होना चाहिए। लोकतंत्र की सफलता देश के प्रत्येक नागरिक की भागीदारी पर ही संभव है। आई आई एम के प्रोफेसर रहे छोकर साहब ने अपनी देहदान करके भी यह सिद्ध किया है कि वह अपने जीवन मूल्यों के साथ हमेशा हमारे बीच में रहेंगे।
जीवन पर्यंत राजनीति में स्वस्थ जीवन मूल्यों को लेकर वे कार्य करते रहे, जनता की ओर से न्यायालय में भी उन्होंने स्वस्थ परंपराओं की स्थापना के लिए कानूनी लड़ाई लड़ी।
राजस्थान गुर्जर महासभा के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष मोहनलाल वर्मा, महामंत्री शैतान सिंह गुर्जर, प्रदेश अध्यक्ष कालू लाल गुर्जर (पूर्व मंत्री राजस्थान सरकार) ने उनके निधन को अपूरणीय क्षति बताते हुए दिवंगत आत्मा को अपने चरणों में स्थान प्रदान करने की परमपिता परमात्मा से प्रार्थना करते हुए उनके शोक संतप्त परिवार को इस दुखद घड़ी में उनके अभाव को सहन करने की सामर्थ्य प्रदान करने की प्रार्थना की है।”
शोक संदेश – जगदीश ठेकेदार (मेरठ)
“गहरे दुःख और श्रद्धा के साथ हम श्री जगदीप छोकर को स्मरण करते हैं। वे केवल एक प्रखर प्रबंधन विशेषज्ञ, शिक्षाविद् और लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रहरी ही नहीं थे, बल्कि समाज की भलाई के लिए अपने जीवन को समर्पित करने वाले एक अद्वितीय व्यक्तित्व भी थे।
डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स, पारदर्शिता, चुनावी सुधारों से लेकर देहदान जैसे मानवीय कार्यों तक – हर क्षेत्र में उन्होंने पवित्रता, शुचिता और निःस्वार्थ सेवा का परिचय दिया। उनकी नीतिगत स्पष्टता, नैतिक साहस और समाज के प्रति गहरा उत्तरदायित्व आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बने रहेंगे।
श्री जगदीप छोकर का असामयिक निधन एक अपूरणीय क्षति है। उनके विचार, उनके संघर्ष और उनके सेवा भाव की ज्वाला हमें सदैव मार्गदर्शन देती रहेगी। हम उनके परिवार, सहकर्मियों और सभी शुभचिंतकों के प्रति गहरी संवेदनाएँ व्यक्त करते हैं और उनकी पुण्य स्मृति को नमन करते हैं।
ॐ शान्तिः।”