मेरा भारत देश महान है।
विधा — देशभक्ति।
वीर शहीदों की गाथाएं, आज सभी हम गायेंगे,
आजादी के पावन उत्सव पर, हर घर तिरंगा फहराएंगे,
ऋषि-मुनियों की धरती है ये, वीरों की पहचान है,
गंगा-यमुनी तहजीब यहाँ, वीरांगनाओं की भरमार है
ऐसा मेरा भारत देश महान है …
हर बाला मीरा जैसी, हर बच्चा श्रीराम है,
उत्तर में है जहाँ हिमालय, दक्षिण में विवेकानन्द धाम है,
जहाँ त्रिदेवों की पूजा करते, जन-जन में कल्याण है,
जहाँ नारी का सम्मान करते, होता सबका मंगल गान है।
ऐसा मेरा भारत देश महान है …
जहाँ मंदिर और मस्जिद में करते, कीर्तन और अजान हैं,
जहाँ चौपालों में संग बैठे, करते मालिक का गुणगान हैं,
जहाँ लोकतंत्र की पावन झाँकी, वन्दे मातरम् का गान है,
जहाँ जन-गण-मन मिलकर गाते, जय हिन्द एक नाम है।
ऐसा मेरा भारत देश महान है …
दिल्ली है जहाँ की राजधानी, इंडिया गेट पहचान है,
अमर जवान-ज्योति प्रज्वलित, ताजमहल हमारी शान है,
गंगा-यमुना पावन नदियाॅं, करतीं जीवों का कल्याण हैं,
भगतसिंह, सुखदेव, राजगुरु,देशभक्तों का बलिदान है।।
ऐसा मेरा भारत देश महान है ..
जहाँ अखिल विश्व में सबसे बड़ा, भारत का संविधान है,
जहाँ खेत जोतते करते, लोक संस्कृति का गान हैं,
जहाँ गौ माता की पूजा करते, तुलसी हमारी प्राण है,
जहाँ अतिथि देवो भव, हमारी संस्कृति की पहचान है।
ऐसा मेरा भारत देश महान है ..
जहाँ दूध-दही की नदियाँ बहतीं, रामायण का गान है,
जहाँ जन-जीवन में बिखरा, गीता का पावन ज्ञान है,
जहाँ राष्ट्रपिता गाँधी को कहते, सत्य अहिंसा पहचान हैं,
जहाँ प्रेम से सारे बोलें, जय भारत, जय हिन्दुस्तान है।।
ऐसा मेरा भारत देश महान है।।
रचनाकार
मुकेश कुमावत ‘मंगल’
रघुनाथपुरा खरेडा टोडारायसिंह
टोंक (राजस्थान)
प्रस्तुति