मां की ममता
मां की ममता, मां का प्यार।
झूठा है यह, सारा संसार।
गोद उठाती, लोरी गाती।
पहले खाना, हमें खिलाती।
मां के आगे, सब है बेकार।
मां की ममता, मां काऊ प्यार।
करती पल-पल, हमें दुलार।
मां की ममता, मां का प्यार।
मां की आंखों के, तारे हैं हम।
सारे घर के, राज दुलारे हम।
कभी अपने से, दूर नहीं करती,
आंखों में आंसू, नहीं बहने देती।
मां की ममता, मां का प्यार।
झूठा है यह, सारा संसार।
रचयिता
गिर्राज गुर्जर
बनेठा उनियारा
टोंक राजस्थान।
प्रस्तुति