नमन मंच🙏🙏
दिनांक 22/04/2025
छंद- दोहा
`पृथ्वी`
पृथ्वी मेरी रहे सदा,
पेडों से भरपूर।
सब जन पेड लगाइए,
बीमारी से दूर।।
पृथ्वी मेरी है भला,
स्वर्ण, रजत की खान।
तेरी गोद मिली हमें,
मानव जन्म महान।।
पृथ्वी माँ के सारथी,
हम तेरे आभार।
तेरे रज कण के यहाँ,
गाएँ मंगला चार।।
तीनों माता है बडी,
धरती, जननी, गाय।
वन्दना हम सभी करें,
काम सफल हो जाय।।
रचयिता
स्वरचित ✍️✍️🙏🙏
सावित्री गौतम सत्या
अलीगढ़, टोंक
प्रस्तुति
अलीगढ टोंक राजस्थान