पौष बड़ा महोत्सव, सर्दियों के मौसम की शुरुआत का स्वागत करने के लिए मनाया जाने वाला त्योहार है। इस दिन दाल के पकौड़े और हलवा प्रसाद के रूप में बांटा जाता है। पौष महीने से जुड़े कुछ और खास त्योहार और मान्यताएं निम्न हैं
• पौष महीने को पूस का महीना भी कहा जाता है. यह हिंदू कैलेंडर का दसवां महीना होता है।
• पौष महीने में सूर्य देव की पूजा का विशेष महत्व है. इस महीने में सूर्य की पूजा करने से तेज, बल, और बुद्धि की प्राप्ति होती है।
• पौष महीने में पिंडदान और तर्पण करने से पितरों का आशीर्वाद मिलता है और जीवन में शुभ फल की प्राप्ति होती है।
• पौष महीने में अन्न, वस्त्र, और घी का दान करने से अत्यंत लाभकारी फल की प्राप्ति होती है।
• पौष महीने में आने वाली संकष्टी चतुर्थी का विशेष महत्व होता है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करने से संकटों से मुक्ति मिलती है।
• पौष महीने के अंत में 14 जनवरी को मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता है। इस दिन गंगा स्नान, तिल-गुड़ के लड्डू, और पतंग उड़ाने की परंपरा होती है।
पौष महा के दौरान आज माध्यमिक विद्या मन्दिर टोडारायसिंह के समीप स्थित भैरु जी महाराज के पौष बड़ा महोत्सव का आयोजन गुप्ता टैंट हाउस के सौजन्य से किया गया। महिलाओं द्वारा भजन कीर्तन कार्यक्रम किया गया। माध्यमिक विद्या मन्दिर के भैया बहिनों एवं आमजन को प्रसादी वितरित की गई। कार्यक्रम में श्री निपुण सक्सेना, प्रधानाचार्य स्वामी विवेकानंद राजकीय माडल स्कूल टोडारायसिंह, श्री जगदीश प्रसाद गुप्ता, सेवानिवृत्त चिकित्सक, शिवराज कुर्मी, पवन कुमार पाण्डेय, गुप्ता टैंट हाउस के संरक्षक, महावीर जैन, हरिदास गुप्ता, सत्येन्द्र शर्मा, श्याम सुंदर सैनी, महिमा, रेणु पाटीदार आदि मौजूद रहे।
सूचना स्रोत
गूगल और श्री शिवराज जी कुर्मी
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