सम्राट मिहिर भोज गुरुकुल विद्यापीठ की नवनिर्वाचित कमेटी की पहली बैठक विद्यालय के निर्माणाधीन भवन में देवधर गुरुकुल में हुई। अध्यक्षता प्रबंधक कमेटी के प्रधान रामपाल नंबरदार ने की। देवधर गुरुकुल के संस्थापक पद्मश्री ओमप्रकाश गांधी जी का बालकों के लिए गुरुकुल की घोषणा पर उद्घाटन अवसर पर दिया गया भाषण —
“ॐ सर्वे भवन्तु सुखिनः..
आदरणीय अतिथिगण, विद्वतजन, गुरुवर्य, अभिभावकगण, और मेरे प्रिय विद्यार्थियो,
आज यह क्षण मेरे लिए अत्यंत भावुक और गर्व से भरा हुआ है। देवधर गुरुकुल की इस पावन भूमि पर हम सब एक नए अध्याय की शुरुआत कर रहे हैं — लड़कों के लिए गुरुकुल की नवीन इकाई का उद्घाटन। यह केवल एक भवन की स्थापना नहीं है, यह संस्कारों की बुनियाद, संवेदनशील समाज की नींव, और राष्ट्र निर्माण की दिशा में एक और कदम है।”
मैंने पहले भी कहा है कि
“संस्थाएं परिवार की तरह होती हैं। संस्थाएं सभी के सहयोग और समर्पण भाव से आगे बढ़ती हैं।”
और आज जब मैं आप सभी को यहां एकत्रित देखता हूं, तो मुझे यह विश्वास और भी गहरा हो जाता है कि यह गुरुकुल वास्तव में एक परिवार है — ऐसा परिवार जहां गुरु और शिष्य का नाता केवल पाठ्यक्रम तक सीमित नहीं, जीवन के हर पहलू तक विस्तारित होता है।
यह नई इकाई केवल लड़कों को शिक्षा देने का स्थान नहीं होगी, बल्कि उन्हें जीवन जीने की कला, चरित्र, अनुशासन, आत्मबल और आत्मनिर्भरता सिखाने का एक केंद्र बनेगी। यहाँ वे केवल पुस्तकें नहीं पढ़ेंगे, बल्कि अपने भीतर छुपे श्रेष्ठ मनुष्य को पहचानेंगे।
हमारे गुरुकुलों की परंपरा रही है कि वहां से निकले छात्र समाज के स्तंभ बने हैं। हमें चाहिए कि हम उस परंपरा को न केवल बनाए रखें, बल्कि उसे नवाचारों और आधुनिकता के साथ जोड़कर और सशक्त बनाएं।
यह कार्य मेरे अकेले का नहीं है। यह आप सभी के सहयोग और विश्वास से ही संभव हुआ है। गुरुकुल की यह ईंटें सिर्फ पत्थर नहीं हैं, ये आपके विश्वास, परिश्रम और सेवा भावना की पहचान हैं।
मैं विशेष रूप से उन अभिभावकों का धन्यवाद करता हूं जिन्होंने हमें अपने बच्चों को सौंपा। यह जिम्मेदारी हमें केवल पढ़ाने की नहीं, बल्कि उन्हें संपूर्ण मानव बनाने की है — ऐसा मानव जो अपने देश, संस्कृति और कर्तव्य के प्रति सजग हो।”
अंत में, मैं यही कहना चाहता हूँ कि
“हम इस गुरुकुल को एक ऐसे स्थान के रूप में विकसित करेंगे जहाँ शिक्षा, संस्कार और सेवा तीनों का समन्वय हो।
जहाँ बच्चे केवल अच्छे छात्र नहीं, बल्कि अच्छे नागरिक बनें।
जहाँ ज्ञान का दीपक केवल परीक्षा के लिए नहीं, जीवन के हर अंधकार को मिटाने के लिए जले।
आप सभी का सहयोग, आशीर्वाद और मार्गदर्शन इस यात्रा में हमेशा अपेक्षित रहेगा।
‘यथा दृष्टि, तथा सृष्टि’
जैसी हमारी दृष्टि होगी, वैसी ही सृष्टि हम रचेंगे। 🙏
भारत माता की जय।
गुरुकुल देवधर की जय।”
तदुपरांत मौके पर कमेटी के नवनिर्वाचित सदस्यों को गोपनीयता की शपथ दिलाई गई।
प्रबंधक पवन बटार ने कहा कि
“बीस वर्ष पूर्व विद्यालय के निर्माण की शुरुआत की गई थी। उस समय बीस बीघा जमीन खरीद कर सीएलयू के लिए अप्लाई किया गया। अब भवन के सोलह कमरों का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है। पूरे काम पर करीब पच्चीस करोड़ रुपए की लागत आने का अनुमान है। संस्था पूरी तरह आवासीय होगी जो केवल लड़कों के लिए बनाई जा रही है।”
इस मौके पर प्रबंधन कमेटी के प्रधान रामपाल नंबरदार, मोहन वर्मा, मुकेश दमूपुरा, संतराम, जय कुमार सरपंच, प्रेमपाल, नरेंद्र कुमार, प्रमोद कुमार, मंगाराम, ओंकार, ललित कुमार, सतपाल पंवार, बलदेव पंवार, अनिल कुमार दढ़वा, अनूप कुमार, रविंद्र पोसवाल, साहब सिंह, अनुज कुमार उपस्थित रहे।