श्योराज जी की कलमकारी

श्योराज जी की कलमकारी

ग़ज़ल

तुम्हें शूल पथ से गर हटाना नहीं है
उसी पथ पर फूल सजाना नहीं है।

सुनो बहुत आसान है जिंदगी ये
उसे लेकिन तुमने पहचाना नहीं है।

जो काम करते हैं पसीना बहाते हैं
उनके पास में कोई बहाना नहीं है।

किसी के पास में है जागीर पूरी ही
किसी के पास खाने को दाना नहीं है।

कोई सोता रुपयों के बिस्तर लगा के
पर किसी के पास एक आना नहीं है।

जिधर देखो उधर ही लूट मची है यारों
हमारे प्यार के काबिल जमाना नहीं है।

रिश्वत लेकर तिजोरियां भरना अपनी
यह अपनी मंजिल को पाना नहीं है।

नींव को छोड़ कर कंगूरे पर बैठ जाना
ये सफर जिंदगी का सुहाना नहीं है।

रचनाकार

श्योराज बम्बेरवाल ‘सेवक’

मालपुरा

प्रस्तुति