त्योहारी सत्र की शुभ कामना

त्योहारी सत्र की शुभ कामना

कलम श्री कृष्ण जी की

उलझन सुलझन मासिक पत्र की ओर से दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं

प्रयास सार्थक उलझन सुलझन चारों ओर नजर आता है।

मने ये कैसे पर्व दिवाली विधि सभी को बतलाता है।

हीरे-चांदी-सोने को तज अपना तन-मन सोना कर लो।

दीवाली पर जग़मग करके हृदय का हर कोना भर लो।

 

दीवाली का पर्व निराला आओ मिलकर इसे मनायें।

पूर्ण देश में जनजन के ही मन-मन्दिर में दिया जलायें।

जिस घर में अंधियारा होवे वहाँ भी सुन्दर दीप जलायें।

ऊंच-नीच का भेद मिटाकर सबको ही मिल गले लगाएं।

 

महल स्वयं के सजाधजा कर किसी झोंपड़ी में भी झांकें।

जो भी जैसी कमी दिखे वहाँ उसको अपने मन में आंकें।

करें सहायता उसकी भरसक तभी सार्थक पर्व दिवाली।

एक बार करके ये देखो घर भर देगी यही दिवाली।

कृष्णदत्त शर्मा ‘कृष्ण’

(उलझन सुलझन के राजीव के भावों के अनुसार)

19 अक्टूबर, 2025

एडवोकेट श्री विजय गुप्ता को दीवाली पर्व पर शत-शत शुभकामनाएं

विजय आपको दीवाली की शत-शत देता ‘कृष्ण’ बधाई।

लिखकर सुन्दर शब्द अनूठे दीवाली रंगीन बनाई।

लेखन प्रति रुचि आपकी देख मेरा मन हर्षाता है।

सदा आपके हृदय में तो लेखक खड़ा नज़र आता है।

 

श्रोता के संग लेखन के भी गुण देखे हैं हिय समाये।

कवि सम हृदय कोमल देखा खिले सुमन हृदय में पाये।

कृष्ण कामना यही ईश से लिखो और लिखते ही जाओ।

साहित्य क्षेत्र में भी नीला नभ छूते हुए रोज ही पाओ।

रचनाकार

कृष्ण

प्रस्तुति