विश्व संग्रहालय दिवस १८/५/२५ के अवसर पर दुष्यन्त संग्रहालय में आयोजित कार्यक्रम में भोपाल के पंद्रह संग्राहकों ने प्रदर्शनियाँ लगाईं।
श्री उमेश गुप्ता जी और सुभाष अत्रे जी में से एक सेवानिवृत जज हैं और एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी जिनका घर ही संग्रहालय है और जिनके मार्गदर्शन में हॉबी ग्रुप बना और इसमें अनेक संग्राहक जुड़े।
संग्रहालय में जो प्रदर्शनी लगी थी उसको देखकर महसूस हुआ कि एक-एक व्यक्ति के पास अद्भुत खजाना है और अगर उसके बारे में हम जानने-समझने जायें तो आश्चर्य में पड़ जायेंगे।
आपको उनके संग्रहण के बारे में अद्भुत जानकारी मिलेगी। आज दर्शकों ने जब माचिस का कलेक्शन देखा तो दंग रह गये।
हम पांच पैसे की जो गुलाब छाप माचिस खरीदते थे वही माचिस है। आजकल ₹10 की एक बड़ी होम लाइट माचिस भी मिलती है, पर सुनील भट्ट ने आधा इंच से लेकर दुनिया की सबसे बड़ी माचिस के दर्शन कराये।
उन्होंने एक शीशी में बंद तीलियों और उसकी शीशी के किनारे पर लगी बारूद का अवलोकन भी कराया। उन्होंने ईरान के माचिस संकलन के बारे में बताया जो अद्भुत था। उन्होंने एक नई जानकारी दी कि इस तरह की माचिस का कलेक्शन एक अलग तरह की कंपनी करती है और अपने सग्राहकों को भेंट करती है।
अद्भुत है ये, कभी सुनील भट्ट के संग्रहालय को उनके घर पर जाकर देखें और उनसे बातचीत करें। इसी तरह से अनमोल खजाने के रूप में जगदीश कौशल जी, नारायण व्यास, के के जैन साहब, पंत साहब, देवेंद्र तिवारी ,विभावरी राजूरकर, अंकित बागडे, पुनीता मालवीय, सोनम नामदेव, अजय ठाकुर, राम गोपाल ठाकुर, अरुण सक्सेना, देवेन्द्र तिवारी जैसे नाम थे जिन्होंने अपना संकलन यहां प्रदर्शित किया।
दुष्यंत कुमार स्मारक पांडुलिपि संग्रहालय में विश्व संग्रहालय दिवस के अवसर पर संग्रहालय की पांडुलिपियों के साथ-साथ शौकिया संग्रहाकों की प्रदर्शनी का आयोजन किया गया था। प्रदर्शनी को देखने बड़ी संख्या में दर्शक आये। मानव संग्रहालय से प्रारंभ बसों के साठ दर्शकों ने संग्रहालय का भ्रमण और प्रदर्शनी का अवलोकन किया। इसके अलावा परवरिश द म्यूज़ियम स्कूल के बच्चों ने संग्रहालय के बारे में जाना और भास्कर रेड्डी अंकल का जादू देखा। इस तरह संग्रहालय दर्शकों की आवाजाही से गुलजार रहा।
चित्रशाला
सूचना स्रोत
श्रीमती लता अग्रवाल जी
भोपाल
प्रस्तुति