कविता
तत्त्व ज्ञान

कविता

मुक्तक मुकेश जी का (11-08-2025)

चतुर में चतुराई होती है तो, ज्ञानी में होता है ज्ञान,
मूर्खों में अज्ञानता होती है, हो नहीं पाता है इसका भान,
उपयुक्त समय पर यदि मिल जाए चतुराई और ज्ञान,
तो नासमझ ओर अज्ञानी का भी, जीवन हो जाए आसान।

तत्त्व ज्ञान

रचनाकार

मुकेश कुमावत ‘मंगल’

रघुनाथपुरा टोंक (राजस्थान)

प्रस्तुति