कृषि विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय सेमिनार काआयोजन

कृषि विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय सेमिनार काआयोजन

कल्चरल प्रोग्राम एवं कवि सम्मेलन

सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय सेमिनार की संध्या पर आगंतुकों के लिए कल्चरल संध्या का आयोजन किया गया इस अवसर पर कवि सम्मेलन भी हुआ इस कवि सम्मेलन में अंतरराष्ट्रीय स्तर के कवियों द्वारा काव्य पाठ किया गया जिसको वैज्ञानिकों छात्राओं द्वारा काफी सराय गया इस अवसर पर कवि तुषा शर्मा जी ने ये कविता सुनाई –

वक्त के साथ जो मुश्किल कोई टल जायेगी।

इसका मतलब नही तकदीर बदल जाएगीl

सोचकर आप अगर देंगे मुहब्बत का जवाब,

इतने अरसे में तो दुनिया ही बदल जायेगी।

श्री सुल्तान सिंह ‘सुल्तान’ ने यह रचना प्रस्तुत की –

अपनों को मनाने में मेरी ज़िन्दगी गई ।

इस घर को सजाने में मेरी ज़िन्दगी गई।।

तुमने तो कह दिया कि इक मकान ही तो है।

इस घर को बनाने में मेरी ज़िन्दगी गई।।

श्री सुमनेश सुमन ने अपने उद्गार यूं व्यक्त किए –

स्वाभिमानी भारत का रथ यह कहीं नहीं रुकने देंगे।

और किसी दुश्मन के आगे

देश नहीं झुकने देंगे।।

उन्होंने एक अन्य रचना भी प्रस्तुत की –

मेरा अरमान रह जाए।

वतन की शान रह जाए।

ज़माने में सुमन गंगाजली।

पहचान रह जाए।

तिरंगे का निशा थोड़ा।

मुझे भी तो मयस्सर हो।

मेरे होंठों पे जिंदाबाद।

हिन्दुस्तान रह जाए।।

सूचना स्रोत

श्री सुमनेश ‘सुमन’

प्रस्तुति