वर्तमान दौर

वर्तमान दौर

वर्तमान दौर जिधर देखता मैं कवि ही कवि हैं, मगर सुनने वाले कहीं अब नहीं हैं। शब्दों की माला सजाते सभी हैं, मगर भाव गहरे मिलाते नहीं हैं। चमकती कलम…
🇮🇳💥दोहा चाय💥🇮🇳

🇮🇳💥दोहा चाय💥🇮🇳

🇮🇳💥दोहा चाय💥🇮🇳 चाय पिला बिगड़ी बने, सहज होय सब काम। उलझे सारे राग जो, सुलझे ना बिन दाम।।   चाय के कई रूप हैं, भिन्न-भिन्न हैं नाम। भिन्न-भिन्न होटेल में,…
सूचना

सूचना

आवश्यक सूचना एवं निमन्त्रण . ... अप्पू एन्क्लेव एवं ग्रेटर अप्पू एन्क्लेव मोदीपुरम के सभी सम्मानित निवासीगण, विगत 23 फरवरी , 2025 को सोसाइटीज में रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन की वार्षिक…
उद्गार

उद्गार

कवियों की कविता श्रवणोपरान्त मेरा अनुभव साहित्य समाज का दर्पण होता है और कवि उस दर्पण का निर्माता। हिन्दी कवि समाज की सच्चाइयों को शब्दों में ढालकर जनमानस को दिशा…
श्रद्धा के पुष्प

श्रद्धा के पुष्प

श्रद्धा-सुमन अर्पण श्री सतपाल दौसा जी के प्रति सूख चुके हैं वे फूल, जिन्होंने वर्षों तक सुरों की बगिया को अपनी खुशबू से महकाया था। आज मंच सूना है, पर…
पुस्तक विमोचन

पुस्तक विमोचन

काश! खुद को देख पाते पुस्तक का विमोचन "व्यक्ति के जीवन में पुस्तकें उसकी सर्वश्रेष्ठ दोस्त हैं!" डॉ हरिओम पंवार. मेरठ, 18 मई 2025 कहते हैं कि "पुस्तकें व्यक्ति की…

मेरी कलम

परीक्षा परिणाम पर चली थी जब 2025 का सी.बी.एस.सी.का परिणाम आया, किसी की झोली में खुशियाँ, तो किसी को रुलाया। जिन्होंने परिश्रम और समय का सदुपयोग किया था, उनका उत्तम…

कुण्डलिया छंद

कुण्डलिया छंद आसमान में छा रही, लालीमा चहुं ओर हुई अभी यह सांझ है, या है ये फिर भोर। या है फिर ये भोर, अब खिली कली कली है सूरज…
परोपकार और चेतनता

परोपकार और चेतनता

भूमिका यह प्रसंग मानवीय संवेदनाओं, सामाजिक जिम्मेदारियों और नैतिक साहस का जीवंत उदाहरण है। जब समाज में नकारात्मकता के परिणामस्वरूप परोपकार और मदद जैसे सहज भाव भी संदेह की दृष्टि…
अमर प्रेम (कविता)

अमर प्रेम (कविता)

सार छंद अमर प्रेम तेरा-मेरा प्यार अमर है, जैसे मोहन राधा। संग सदा हर पथ पर तुमने, जीवन मेरा साधा।। जन्म-जन्म की आस बने हम, हर सांसें हैं तेरी। बिना…