भाव
आँखों में शर्म और भावों में सच्चे कर्म रखते हैं,
चेहरे पर मासूमियत और विचारों में धर्म रखते हैं,
अपनों को अपना बनाये रखने के लिए हम,
रीति-नीति-जज्बातों को सदा नरम रखते हैं।।
रचयिता
मुकेश कुमावत ‘मंगल’
टोंक
चित्र उत्पत्ति
चैट जीपीटी
प्रस्तुति