यहाँ डॉ. शशि नागर जी के व्यक्तित्व, कार्य और दृष्टिकोण पर आधारित एक
प्रेरणात्मक पुस्तिका (Inspirational Booklet)
का प्रारूप तैयार किया गया है। यह छात्राओं, अभिभावकों, शिक्षकों, महिला मंचों तथा शैक्षिक संस्थानों के लिए समान रूप से उपयोगी है। पुस्तिका को सहज, आकर्षक और प्रेरक भाषा में प्रस्तुत किया गया है।
🌸 प्रेरणा स्वरूपा: डॉ. शशि नागर
“शिक्षा, सेवा और संकल्प से समाज बदलता है।”
✦ भूमिका
यह पुस्तिका एक ऐसी शिक्षिका, समाजसेविका और विचारशील नागरिक के जीवन से प्रेरणा लेती है, जिनका उद्देश्य केवल ज्ञान का प्रसार नहीं, बल्कि समाज में स्थायी परिवर्तन लाना है। दिल्ली सरकार में लेक्चरार के पद पर कार्यरत डॉ. शशि नागर ने शिक्षा, महिला सशक्तिकरण, पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक समरसता के क्षेत्र में अनुकरणीय कार्य किया है।
✦ जीवन यात्रा की शुरुआत
डॉ. शशि नागर एक मध्यमवर्गीय परिवार से आती हैं, जहाँ मूल्यों, संस्कारों और शिक्षा को सर्वोच्च माना जाता है। पाँच विषयों में स्नातकोत्तर और पीएच.डी. की उपाधियाँ प्राप्त कर उन्होंने यह सिद्ध कर दिया कि एक स्त्री यदि चाहे, तो हर क्षेत्र में श्रेष्ठता प्राप्त कर सकती है।
✦ शिक्षा: केवल ज्ञान नहीं, जागरण का माध्यम
वे एक गर्ल्स स्कूल में राजनीति विज्ञान पढ़ाती हैं, परंतु उनकी भूमिका केवल एक अध्यापक की नहीं है। वे छात्राओं की मार्गदर्शक, प्रेरक और आत्मबल प्रदान करने वाली शक्ति बन चुकी हैं। उनका मानना है कि—
“शिक्षा का उद्देश्य केवल अंकों की प्राप्ति नहीं, आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता की स्थापना होना चाहिए।”
✦ नारी सशक्तिकरण की प्रतिबद्ध आवाज
डॉ. शशि का जीवन उद्देश्य है— हर लड़की को आत्मनिर्भर और सक्षम बनाना। वे कहती हैं—
> “सशक्तिकरण तब होता है, जब कोई स्त्री अपने फैसले खुद ले, अपनी राह खुद तय करे और अपने विचारों को मुखर कर सके।”
वे अपने स्कूल की छात्राओं के साथ कई कैरियर ओरिएंटेशन, व्यक्तित्व विकास, और संवाद सत्र आयोजित करती हैं।
✦ पर्यावरण: प्रकृति के प्रति प्रेम और उत्तरदायित्व
वे न केवल बच्चों को शिक्षित करती हैं, बल्कि प्रकृति के प्रति उनका भावनात्मक रिश्ता भी गहराती हैं। वे कई पर्यावरणीय संगठनों से जुड़ी हैं और बच्चों को वृक्षारोपण, जल संरक्षण, कचरा प्रबंधन जैसी गतिविधियों में भाग लेने के लिए प्रेरित करती हैं।
“यदि हम पृथ्वी से प्रेम नहीं करेंगे, तो आने वाली पीढ़ियाँ केवल किताबों में हरियाली देखेंगी।”
✦ व्यवसाय: आत्मनिर्भरता की दिशा में एक कदम
शिक्षा और समाजसेवा के साथ-साथ उन्होंने व्यवसाय में भी कदम रखा है—इस उद्देश्य से कि वे अन्य महिलाओं को भी स्वावलंबन की प्रेरणा दे सकें। उनका व्यवसाय केवल लाभ का साधन नहीं, बल्कि महिला उद्यमशीलता को बढ़ावा देने का एक मंच है।
✦ परिवार: सफलता का मौन आधार
अपने जीवन की उपलब्धियों का श्रेय वे अपने परिवार को देती हैं, जिन्होंने उन्हें आगे बढ़ने की पूरी स्वतंत्रता दी। वे कहती हैं—
“अगर परिवार साथ हो, तो स्त्री किसी भी ऊँचाई को छू सकती है।”
✦ छात्राओं के लिए संदेश
डॉ. शशि की दृष्टि में हर छात्रा में अपार ऊर्जा और असीम संभावनाएँ हैं। वे कहती हैं—
“स्वयं पर विश्वास करो। तुम जो सोच सकती हो, वह बन भी सकती हो। सपने सिर्फ़ देखो नहीं, उन्हें जियो भी।”
✦ दीर्घकालिक दृष्टि
डॉ. शशि नागर का सपना है—
✔ एक ऐसा समाज जहाँ हर महिला को बराबरी का अधिकार मिले।
✔ हर बच्चा गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त करे।
✔ प्रकृति के प्रति संवेदनशीलता और ज़िम्मेदारी का भाव हो।
✔ जहाँ समता, सहअस्तित्व और सेवा को सामाजिक मूल्यों में स्थान मिले।
✦ निष्कर्ष
डॉ. शशि नागर एक ऐसा व्यक्तित्व हैं, जो बताता है कि जब शिक्षा, संकल्प और सेवा एक साथ चलते हैं, तो समाज की दिशा और दशा दोनों बदली जा सकती हैं। यह पुस्तिका उनके जीवन के उन पहलुओं को उजागर करती है, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए दिशा-सूचक दीप की तरह कार्य करेंगे।
📚 पुस्तिका का उद्देश्य
इस प्रेरणात्मक पुस्तिका का उद्देश्य है
✔ छात्राओं को अपने भीतर की शक्ति पहचानने में सहायता देना।
✔ शिक्षकों को यह स्मरण कराना कि वे केवल अध्यापक नहीं, निर्माता हैं।
✔ माता-पिता और समाज को यह दिखाना कि जब एक स्त्री को सपने देखने की आज़ादी मिलती है, तो वह समाज को रोशन कर सकती है।
🌼 विशेष उपयोग हेतु सुझाव
* इस पुस्तिका को स्कूल ओरिएंटेशन कार्यक्रमों में वितरित किया जा सकता है।
* महिला दिवस, शिक्षक दिवस या पर्यावरण जागरूकता सप्ताह में पढ़ा जा सकता है।
* समाजसेवी संस्थाओं और बालिकाओं के लिए आयोजित शिविरों में प्रेरणात्मक सामग्री के रूप में उपयोग किया जा सकता है।
सूचना स्रोत

उलझन सुलझन (लेडीज विंग)
फरीदाबाद (हरियाणा)
पाठ्य स्वरूप परिवर्तन और उन्नयन
चैट जी.पी.टी.
प्रस्तुति