अभियान

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पाती अपनों को मुहिम के तहत अखिल भारतीय पाती लेखन प्रतियोगिता की घोषणा करते हुए हर्ष की अनुभूति हो रही है।

इस बार का विषय है

एक पाती मेरे लेखक मित्र के नाम

इस अनूठी पाती प्रतियोगिता में किसी भी आयु के प्रतिभागी भाग ले सकते हैं।

मनुष्य के जन्मते ही वह अनेक संबंधों में बंध जाता है। जन्मते ही क्यों ,मां के गर्भ में आते ही वह एक अटूट बंधन में बंध जाता है ।

और जब वह होश संभालता है तो उसका संबंध किताबों की दुनिया से होता है।

किसी लेखक की रचना को पढ़ते समय एक पाठक का लेखक से एक अनोखा संबंध हो जाता है ।आवश्यक नहीं कि पाठक लेखक को व्यक्तिगत तौर पर जानता ही हो । लेखक की रचनाएं ही उसकी दुनिया होती है।पाठक उन रचनाओं को पढ़कर लेखक और उसकी दुनिया से रू-ब-रू होता है।

तो आइए अपने किसी भी लेखक को पढ़िए और उस रचना को पढ़कर आपको कैसी अनुभूति हुई, रचना में क्या कमी रही, और क्या सुधार हो सकता था, रचना समाज का दिग्दर्शन करने में कहां तक सफल सिद्ध होगी आदि बातों को पाती में समाहित करते हुए पाती लिखनी है। हमारा यथासंभव प्रयास होगा कि आपकी लिखी हुई पाती उस लेखक तक पहुंचाएं ।

प्राप्त पत्रों में से चयनित पत्रों की एक पुस्तक भी प्रकाशित करने की योजना है।

प्रतियोगिता के नियम और शर्तें

प्रतियोगिता की शर्तें :

1. इस प्रतियोगिता में किसी भी आयु वर्ग का भारतीय नागरिक भाग ले सकता है।

2. अधिकतम शब्द सीमा 500 शब्द।

3. केवल काग़ज़ के एक तरफ हाथ से लिखे पत्र ही स्वीकार होंगे।

4. काग़ज़ में पर्याप्त हाशिया छोड़ना है।

5. पत्र प्राप्ति मेल या व्हाट्सएप से स्वीकार्य नहीं होगी।

6. पत्र प्राप्ति का माध्यम केवल डाक द्वारा जो रजिस्टर्ड या साधारण हो सकता है।

7. प्राप्त पत्रों का मूल्यांकन 3 सदस्यीय टीम से कराया जाएगा जो भाषा शैली,विषय वस्तु ,प्रभावशीलता के आधार पर मूल्यांकन करेंगे।

8. अंतिम रूप से चयनित पत्रों को पुस्तक रूप में प्रकाशित किया जाना प्रस्तावित है।

9. यदि साफ और सुंदर हैंडराइटिंग में पत्र प्राप्त होते हैं तो प्रकाशित की जानी वाली पुस्तक में हाथ से लिखे पत्रों को ही यथावत शामिल किया जाएगा।

हस्तलिपि और शुद्ध लेखन का विशेष ध्यान रखें।

10. लेखक की केवल हिंदी में लिखी गई कोई भी रचना (गद्य या पद्य में) को ही आधार बना कर लेखक को पाती लिखी जानी है।

11. पत्र प्राप्त होने की अंतिम तिथि 31 अक्टूबर 2025

इसके पश्चात तिथि बढ़ाई नहीं जाएगी।

पत्र प्राप्ति का पता :

प्रोफेसर मीना सिरोला, 413 रामानुजन निवास ,वनस्थली विद्यापीठ निवाई टोंक, राजस्थान 30 40 22

विनीत

डॉ. सूरज सिंह नेगी

प्रो.मीना सिरोला

(संयोजक/सह संयोजक पाती अपनों को मुहिम)

मोबाइल नंबर 9660119122

हिन्दी दिवस,14 सितंबर,2025