विशेष कार्यक्रम
आज उम्मीद संस्था घिटोरनी में बच्चों ने मिलकर संविधान दिवस पर विशेष संकल्प लिया कि हम अपने आसपास जरूरतमंद बच्चों को पुस्तकें देकर शिक्षा की अलख जगाने में सहयोग करेंगे। इस अवसर पर बच्चों ने संविधान दिवस से संबंधित अपने विचार व्यक्त किए।
इस शुभ अवसर पर श्री अनिल बैंसला ने कहा कि “संविधान दिवस (26 नवंबर) हम सब यहाँ संविधान दिवस मनाने के लिए एकत्र हुए हैं। 26 नवंबर 1949 को भारत का संविधान अपनाया गया था, और यह दिन हमारे लोकतंत्र की मजबूत नींव का प्रतीक है। भारत का संविधान सिर्फ एक किताब नहीं है, यह हमारे अधिकारों और कर्तव्यों का मार्गदर्शक है। इस संविधान ने हमें स्वतंत्रता, समानता, न्याय और बंधुता जैसे महत्वपूर्ण मूल्य दिए, जो हमारे देश की पहचान हैं। हमारे संविधान के निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर जी थे, जिन्हें हम संविधान के शिल्पकार के रूप में जानते हैं। उन्होंने कहा था कि संविधान सिर्फ कानूनों का संग्रह नहीं है, बल्कि यह देश की आत्मा है। संविधान हमें अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता देता है, शिक्षा का अधिकार देता है, और सभी नागरिकों को समान मानता है। लेकिन साथ ही यह हमें अपने कर्तव्यों की भी याद दिलाता है—देश का सम्मान करना, राष्ट्र की एकता बनाए रखना, और समाज के विकास में योगदान देना। आज के दिन हम यह संकल्प लें कि हम अपने संविधान का सम्मान करेंगे, इसके मूल्यों को अपनाएंगे और एक जिम्मेदार नागरिक बनकर देश का नाम रोशन करेंगे।”

सूचना स्रोत
श्री अनिल बैंसला
पाठ्य उन्नयन और विस्तार व प्रस्तुति

