आई है अब भोर सुहानी – श्योराज जी बम्बेरवाल

आई है अब भोर सुहानी – श्योराज जी बम्बेरवाल

भूमिका

कवि श्योराज जी ने नये वर्ष को ‘नया सवेरा’ की संज्ञा देकर नये वर्ष को आपके जीवन में नयी उमंग और ऊर्जा लेकर आया बताते हुए नवल रचना गढ़ी है। सूरज की सुनहरी किरणें जैसे हर अंधकार को मिटा देती हैं, वैसे ही यह नवल वर्ष आपके जीवन से हर परेशानी को दूर करे। यह सुखद प्रातः पंछियों की मधुर चहचहाहट और ठंडी हवा के अहसास की भाँति आपके मन को शांति और सुकून से भर दे। जीवन के इस खूबसूरत पल को जी भरकर जियें, क्योंकि नूतन वर्ष के प्रातःकाल की भांति हर सुबह एक नया अवसर और नई शुरुआत लेकर आती है। नवल वर्ष का खुले दिल से स्वागत करें।

।।आई है अब भोर सुहानी।।

आई है अब भोर सुहानी ,
लेकर आई साल नया
छाप छोड़ दुनिया में अपनी,
आज पुराना साल गया।

नये साल के स्वागत में हम,
फूल बिछायें गली गली
हर मानव से प्यार करें हम,
करें बात फिर भली भली।
जीव जगत में आये हो तो,
सब जीवों पर करो दया
आई है अब भोर सुहानी,
लेकर आई साल नया।

लिख दो अब तो नई कहानी,
जन हित में ही काम करो
देश हमारे भारत का अब,
इस दुनिया में नाम करो।
लहराती खेतों में सरसों,
अपनी सारी छोड़ हया
आई है अब भोर सुहानी,
लेकर आई साल नया।

गीत सुनाती कोयल काली,
मोर यहां अब नाच रहा
तितली देखो उड़ उड़ आती,
उसके दिल में प्यार बहा।
चहक उठी है दुनिया सारी,
चहकी है अब यहां बयां
आई है अब भोर सुहानी,
लेकर आई साल नया।

रचयिता

श्योराज बम्बेरवाल ‘सेवक’

खेड़ा मलूका नगर

‘मालपुरा’